विजयवर्गीय/ राजगढ़: मध्यप्रदेश के राजगढ़ शहर से गुजरने वाला NH-52 हाईवे अब बायपास नहीं, सीधा मौत का रास्ता बन चुका है. बीते एक महीने में यहां 5 गंभीर हादसे हो चुके हैं, जिनमें अब तक 2 लोगों की जान जा चुकी है और कई घायल होकर अस्पतालों में जिंदगी की जंग लड़ रहे हैं.
शहर के बीचों-बीच से निकलने वाला ये हाईवे अब तेज रफ्तार, ट्रैफिक और लापरवाही का खतरनाक कॉम्बिनेशन बन चुका है. ट्रकों, बसों और भारी वाहनों की लगातार आवाजाही के बीच आम राहगीर हर वक्त डर के साए में सड़क पार करते हैं.
कलेक्टर के पास पहुंचे कांग्रेस नेता, बोले अब और देरी नहीं!
शनिवार को पूर्व विधायक बापूसिंह तंवर ने कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल के साथ कलेक्टर डॉ. गिरीश मिश्रा से मुलाकात की और नया बायपास जल्द शुरू करवाने की मांग रखी. उन्होंने कहा कि हाईवे से रोज़ाना हज़ारों वाहन गुजरते हैं, और जब तक बायपास नहीं बनेगा, राजगढ़ हादसों की मार झेलता रहेगा.
स्वीकृति मिल चुकी है, अब फाइलें क्यों नहीं चल रहीं?
तंवर ने बताया कि उन्होंने अपने कार्यकाल में दिल्ली जाकर राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय से बायपास को मंज़ूरी दिलवाई थी. तीन रूट भी तय हो चुके हैं, सितंबर 2024 में इस पर बैठक भी हो चुकी है. अब सिर्फ इंतज़ार है कि फाइलें आगे बढ़ें, टेंडर निकले और काम शुरू हो. उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि PWD और NH डिपार्टमेंट से बात कर निर्माण को तेज़ी से शुरू करवाएं, क्योंकि हर दिन की देरी किसी मासूम की जान ले सकती है.