कलेक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे किसान।
सीहोर में मंगलवार को सोयाबीन की फसल नष्ट होने से परेशान किसानों ने कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन किया। उन्होंने डिप्टी कलेक्टर स्तर के अधिकारियों से मिलने से इनकार कर दिया। किसानों ने कहा कि वे अपनी बात सिर्फ कलेक्टर को ही बताना चाहते हैं, लेकिन जनसुनवाई क
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कलेक्टर के बाहर नहीं आने से नाराज होकर किसानों ने कलेक्ट्रेट परिसर के बाहर ही धरना शुरू कर दिया और नारेबाजी करने लगे। किसान अपने गांवों की अतिवृष्टि और घटिया बीज से खराब हुई फसल का मुआवजा और बीमाधन जल्दी दिलाने की मांग कर रहे थे।
सोयाबीन की फसल खेत में ही नष्ट हो गई ग्राम लसुडलिया विजय सिंह और आसपास के गांवों के किसानों ने बताया कि इस बार सोयाबीन की फसल सैकड़ों एकड़ में बोई गई थी, लेकिन या तो बारिश से दब गई या खराब बीज के कारण नहीं उग सकी। किसानों का कहना है कि हजारों रुपए की लागत फसल में लगाने के बाद भी नुकसान हुआ है।
किसानों ने बताया कि वे पहले आष्टा तहसीलदार को भी इस बारे में अवगत करा चुके हैं, लेकिन अब तक सर्वे कार्य शुरू नहीं हुआ। वे यही बात कलेक्टर को बताना चाहते थे, लेकिन सुनवाई न होने पर धरने पर बैठ गए।
प्रदर्शन के बाद कलेक्टर ने दिए सर्वे के निर्देश प्रदर्शन के बाद कलेक्टर बालागुरू के ने किसानों के पांच प्रतिनिधियों से चर्चा की। इसके बाद संबंधित आरआई और पटवारी को तत्काल सर्वे करने और फसल बीमा के साथ मुआवजा दिलाने के निर्देश दिए गए।