Bhaum Pradosh Vrat 2025: इस दिन खुलेंगे भगवान शिव की कृपा के द्वार, कर्ज से मुक्ति के लिए जरूर करें ये 5 उपाय

Bhaum Pradosh Vrat 2025: इस दिन खुलेंगे भगवान शिव की कृपा के द्वार, कर्ज से मुक्ति के लिए जरूर करें ये 5 उपाय


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Pradosh Vrat : 11 जुलाई से सावन माह की शुरुआत हो चुकी है. ऐसे मे सावन माह का पहला प्रदोष व्रत बहुत खास होने वाला है, क्युंकि इस दिन कई शुभ सयोंग बन रहे है. इस दिन भोलेनाथ की विशेष कृपा बरसेंगी.

हाइलाइट्स

  • भगवान शिव और माता पार्वती की आराधना का शुभ अवसर
  • 22 जुलाई को सावन का पहला प्रदोष व्रत
  • शिव पूजन से कर्ज मुक्ति और सुख-समृद्धि
सावन प्रदोष व्रत. हिंदू धर्म में भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए सबसे प्रमुख व्रतों में से एक प्रदोष व्रत होता है. यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है. इस दिन संध्य या प्रदोष काल में पूजा करने से भगवान शिव की कृपा से सुख-समृद्धि और सफलता मिलती है. एक महीने में 2 बार प्रदोष व्रत किया जाता है. इस दिन सुबह से शाम तक व्रत रखा जाता है और भगवान शिव समेत उनके पूरे परिवार की आराधना की जाती है. उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज ने बताया कि जुलाई महीने का सावन माह का पहला प्रदोष व्रत भौम प्रदोष है. इस दिन भगवान की विशेष कृपा बरसेंगी क्युकि इस दिन कई शुभ योग का निर्माण हो रहा है.

कब रखा जाएगा सावन का पहला प्रदोष व्रत?
वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि 22 जुलाई को सुबह 07 बजकर 05 मिनट पर शुरू होगी. वहीं, 23 जुलाई को त्रयोदशी तिथि सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर समाप्त होगी. प्रदोष व्रत के दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा का समय शाम 07 बजकर 18 मिनट से लेकर 09 बजकर 22 मिनट तक है.

कई शुभ योग में मनाया जाएगा प्रदोष व्रत?
ज्योतिषीय गणना के अनुसार, सावन माह के पहले प्रदोष व्रत पर दुर्लभ ध्रुव का संयोग बन रहा है. ध्रुव योग शुभ कार्य करने के लिए ध्रुव योग को श्रेष्ठ माना जाता है. इस योग में भगवान शिव की पूजा करने से शुभ कामों में सफलता मिलेगी.

भौम प्रदोष व्रत का महत्व?
मंगलवार के दिन पड़ने वाले प्रदोष को भौम प्रदोष के नाम से जाना जाता है. शास्त्रों में इस दिन को कर्ज उतारने के लिए बड़ा ही श्रेष्ठ माना जाता है. पुराणों में बताया गया है कि त्रयोदशी की रात के पहले प्रहर में जो व्यक्ति शिव प्रतिमा के दर्शन करता है उसके समस्त समस्याओं का हल निकलता है.

जरूर करें इन नियमों का पालन
– प्रदोष व्रत के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि के बाद सूर्य देव को अर्घ देकर व्रत का संकल्प लें.

– इसके बाद पूजा स्थल की अच्छे से सफाई करके भगवान शिव का पंचामृत से अभिषेक करें.

– इसके बाद शिव परिवार का पूजन करें और भगवान शिव पर बेल पत्र, फूल, धूप, दीप आदि अर्पित करें. फिर प्रदोष व्रत की कथा का पाठ करें.

– पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती करें और शिव चालीसा का पाठ जरूर करें. इसके बाद ही अपना उपवास खोलें.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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Bhaum Pradosh Vrat 2025: कर्ज से मुक्ति के लिए जरूर करें ये 5 उपाय

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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