दरअसल हम बात कर रहे हैं जबलपुर के कमानिया में मौजूद ठाकुर चाट की. यह दुकान सन 1953 की है मतलब आज से 72 साल पुरानी. जिसकी कमान अब दूसरी पीढ़ी महेंद्र सिंह ठाकुर उर्फ छोटू ठाकुर के पास हैं. जिन्हें दुकान संभालते 40 साल हो चुके हैं. उन्होंने बताया पिताजी बड़े महावीर के पास दुकान चलाते थे. जिन्हें हार्ट अटैक आ गया था. अब उन्हीं के आशीर्वाद से सब कुछ चल रहा है.
छोटू ठाकुर कहते हैं टेस्ट के बारे में पूछिए ही नहीं….माल खाओ चोखा और कभी ना खाओ धोखा… यही पिताजी कहते थे और आज भी हम यही कहकर ग्राहकों का विश्वास जीतते हैं. चाट की क्वालिटी से किसी भी प्रकार का समझौता नहीं करते. 72 साल पहले जो टेस्ट चाट का होता था, आज भी वही टेस्ट है. जो ग्राहकों काफी पसंद आता है.
खजूर की चटनी बढ़ा देती है चाट का टेस्ट
मिलती हैं चाट की ढेर सारी वैरायटी
दिल्ली के लोग भी इस चाट के दीवाने
छोटू ठाकुर बताते हैं जबलपुर शहर तो छोड़ ही दीजिए प्रदेश और देशभर से लोग आते हैं वहीं दिल्ली और आगरा के ऐसे कई ग्राहक हैं, जिन्हें पार्सल कर चाट भेजते हैं. उन्होंने बताया पिता की मृत्य के बाद 40 साल से अकेले चाट की दुकान संभाल रहे रहें हैं. जब शुरुआत की थी उस समय चवन्नी की चार फुल्की और 1 रूपए का चाट मिलता था. वहीं अब चाट की कीमत मात्र 40 रूपए है.