Sehore News: मरने के बाद भी नसीब नहीं हुई सड़क, चारपाई बनी एंबुलेंस…रुला देगी गांव की ये कहानी

Sehore News: मरने के बाद भी नसीब नहीं हुई सड़क, चारपाई बनी एंबुलेंस…रुला देगी गांव की ये कहानी


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Sehore News: सीहोर के महुआखेड़ा गांव में कुएं में डूबी नाबालिग का शव चारपाई पर लेकर ले जाना पड़ा, डेढ़ किमी तक कीचड़ में नहीं पहुंच सका वाहन. गांव में सड़क नहीं, सिर्फ दर्द है.

कीचड़ से भरी जिंदगी

हाइलाइट्स

  • गांव में सड़क नहीं, सिर्फ कीचड़ और दलदल है.
  • नाबालिग का शव चारपाई पर लेकर जाना पड़ा.
  • परिजन ने शव को नंगे पांव कीचड़ में ले जाया.

प्रदीप चौहान/ सीहोर: आधुनिक भारत में डिजिटल इंडिया के नारे लगते हैं, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. सीहोर जिले के महुआखेड़ा गांव में एक ऐसा मंजर सामने आया जिसने हर देखने वाले को अंदर से झकझोर कर रख दिया.

14 साल की एक नाबालिग लड़की, जो खेत के कुएं में गिरकर अपनी जान गंवा बैठी, उसका शव चारपाई पर रखकर डेढ़ किलोमीटर कीचड़ पार कर गांव लाना पड़ा.

गांव में नहीं पहुंच पाया वाहन, सड़क नहीं बस दलदल

परिजन जब शव को पोस्टमार्टम के बाद आष्टा अस्पताल से लेकर वापस गांव ला रहे थे, तो वाहन गांव से डेढ़ किलोमीटर पहले ही कीचड़ में फंस गया. इसके आगे सड़क तो जैसे नाम की भी नहीं थी बस गीली मिट्टी, दलदल और फिसलन भरा रास्ता.

परिवार वालों ने मजबूरी में शव को खाट (चारपाई) पर रखा और नंगे पांव, कीचड़ से होते हुए शव को घर तक लाए. आंखें नम थीं, पांव थके हुए थे लेकिन सिस्टम कहीं नज़र नहीं आया.

पंचायती राज तो है, लेकिन विकास अब भी गुम है

गांव वालों ने कहा कि सालों से सिर्फ आश्वासन मिलते हैं, नेता आते हैं, भाषण देते हैं लेकिन जब जरूरत होती है, कोई नहीं दिखता. हम आज भी नारकीय हालात में जी रहे हैं.

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