इंदौर के एमवाय हॉस्पिटल में रोज प्लास्टिक सर्जरी के 50 से ज्यादा मामले आ रहे हैं।
इंदौर के एमजीएम से संबंधित सरकारी हॉस्पिटल प्लास्टिक सर्जरी के मामले में प्रदेश में सबसे आगे है। इस बात का खुलासा एमजीएम मेडिकल कॉलेज डीन डॉ. अरविंद घनघोरिया ने किया है।
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एमजीएम कॉलेज डीन के अनुसार-
एमवायएच, सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल सहित कैंसर हॉस्पिटल में 50 से ज्यादा प्लास्टिक सर्जरी लगभग हर रोज होती है। यह आंकड़ा प्रदेश के अन्य सरकारी अस्पतालों में होने वाली प्लास्टिक सर्जरी से बहुत ज्यादा है। इससे यह बिल्कुल साफ है कि हमारे शहर इंदौर के एमजीएम कॉलेज के सरकारी अस्पताल प्लास्टिक सर्जरी के मामले में मध्यप्रदेश के सभी बड़े सरकारी अस्पतालों से आगे है।
50 से ज्यादा प्लास्टिक सर्जरी वाले मामले एमवाय हॉस्पिटल में हर रोज लगभग 4000 मरीजों की ओपीडी होती है। इनमें से 50 ज्यादा प्लास्टिक सर्जरी वाले मामले होते हैं। इसके अलावा सुपर स्पेशियलिटी और कैंसर हॉस्पिटल में भी जरूरतमंद मरीजों की प्लास्टिक सर्जरी की सुविधा है।
डॉ. घनघोरिया ने कहा कि आम लोग प्लास्टिक सर्जरी का मतलब वही समझते हैं, जो अक्सर फिल्मों में देखते आए हैं कि सर्जरी कराने वाले का पूरा चेहरा ही बदल दिया जाता है, जिसके कारण उसे लोग पहचान ही नहीं पाते। मगर प्लास्टिक सर्जरी के मामले में यह सोच पूरी तरह सही नहीं है।
जिन जरूरतमंद मरीजों की हर रोज प्लास्टिक सर्जरी होती है, उनमें जन्म से कटे-फटे होंठ या अन्य विकृत अंगों के अलावा दुर्घटना के दौरान घायल अंगों को जोड़ना या फिर आग या ज्वलनशील पदार्थों से जले जरूरतमंदों की त्वचा यानी जली स्किन को हटाकर नई स्किन लगाना, यह सारी सर्जरी को प्लास्टिक सर्जरी ही कहा जाता है।