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Chhatarpur News: ग्रामीणों ने बताया कि खजूरी के पेड़ के तने को निकालने में काफी मेहनत लगती है. पहले इसके कांटों को आराम-आराम से छांटना होता है, इसके बाद तने को छांटा जाता है, फिर जाकर खाने वाला हिस्सा मिलता है.
वैसे तो पूरे साल आपको छतरपुर जिले में खजूरी के पेड़ दिख जाएंगे लेकिन बरसात के मौसम में इस पेड़ की मांग ज्यादा हो जाती है क्योंकि इस मौसम में छोटी-छोटी खजूरी के पेड़ ज्यादा देखने को मिल जाते हैं और इन्हीं छोटी खजूरी के तने को फल के तौर पर खाया जाता है. लोग इसे देखते ही कुल्हाड़ी लेकर टूट पड़ते हैं.
कच्चे नारियल जैसा तने का स्वाद
ग्रामीण बताते हैं कि इसके तने का जो स्वाद होता है, वो बिल्कुल कच्चे नारियल की तरह ही होता है. बरसात का सीजन है, तो इस सीजन में इसका स्वाद सबको भाता है. बच्चों से लेकर युवा और बुजुर्ग तक इसको खाना पसंद करते हैं.