शंकराचार्य ने खुद की थी शिवलिंग की स्थापना, इस विद्वान पंडित को दिया था सम्मान

शंकराचार्य ने खुद की थी शिवलिंग की स्थापना, इस विद्वान पंडित को दिया था सम्मान


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Khargone News: मंदिर की सबसे खास बात यह है कि यहां के शिवलिंग की स्थापना स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने विद्वान और तर्कशास्त्री पंडित मंडन मिश्र के सम्मान में की थी. उन्हीं के नाम पर इस शिवालय को ‘मंडनेश्वर महादे…और पढ़ें

खरगोन. सावन का महीना शिव भक्ति और आस्था का प्रतीक है. इस पवित्र माह में श्रद्धालु भोलेनाथ के दर्शन के लिए दूर-दूर तक की यात्राएं करते हैं. मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में भी एक ऐसा ही दिव्य और प्राचीन शिवालय है, जिसे मंडनेश्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाता है. मान्यता है कि यहां शिवलिंग की स्थापना स्वयं आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी. सावन में यहां हर सोमवार को विशेष श्रृंगार दर्शन, अभिषेक और महा आरती के लिए काफी संख्या में श्रद्धालु जुटते हैं.

यह शिवालय जिले की धार्मिक नगरी मंडलेश्वर में स्थित है, जो मां नर्मदा के पावन तट पर बसा हुआ है. यह स्थल सिर्फ धार्मिक ही नहीं, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक दृष्टि से भी बेहद महत्वपूर्ण है. राज्य सरकार द्वारा इसे पवित्र स्थल घोषित किया गया है. यहां की शांति, आध्यात्मिक ऊर्जा भक्तों को एक अलग ही अनुभूति देती है. यही वजह है कि देशभर से श्रद्धालु यहां आते हैं.

मंदिर का पौराणिक इतिहास
जानकार दुर्गेश राजदीप बताते हैं कि आदि गुरु शंकराचार्य और मंडन मिश्र के बीच शास्त्रार्थ यहीं मंडलेश्वर में हुआ था. यह शास्त्रार्थ लगभग 42 दिन तक चला था और इसका निर्णय मंडन मिश्र की पत्नी भारती देवी ने किया था. अंततः शंकराचार्य ने दोनों को पराजित किया और उनके ज्ञान से प्रभावित होकर उन्हें अपने शिष्य के रूप में स्वीकार कर लिया. शास्त्रार्थ पूर्ण होने पर यह शिवलिंग स्थापित किया गया.

सावन में होता है विशेष आयोजन
श्रावण मास के हर सोमवार को मंदिर में विशेष पूजा-अर्चना होती है. मंदिर के पुजारी अजय केवट लोकल 18 को बताते हैं कि इन दिनों मंदिर में रुद्राभिषेक, श्रृंगार, महा आरती और प्रसादी का आयोजन होता है. भक्त नर्मदा नदी में स्नान कर शिवलिंग का जलाभिषेक करते हैं और मंदिर में दिनभर ‘बम-बम भोले’ के जयकारे गूंजते रहते हैं. यहां न केवल स्थानीय श्रद्धालु बल्कि आसपास के जिलों और महाराष्ट्र से भी लोग पहुंचते हैं.

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Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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