मध्यप्रदेश पश्चिम क्षेत्र विद्युत वितरण कंपनी उपभोक्ताओं की बिजली आपूर्ति और अन्य शिकायतों का समय पर समाधान करने के लिए प्रभावी कार्य कर रही है। कंपनी उपभोक्ताओं की मदद के लिए वॉट्सएप, सोशल मीडिया, ऊर्जस ऐप, कॉल सेंटर 1912 और स्थानीय वितरण केंद्रों क
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इंदौर के मुख्य महाप्रबंधक प्रकाश सिंह चौहान ने बताया कि उपभोक्ता सुविधाओं और शिकायत निवारण प्रक्रिया की दैनिक समीक्षा की जाती है और बिजली आपूर्ति से जुड़ी शिकायतों का समय सीमा में निराकरण सुनिश्चित किया जा रहा है।
चौहान ने बताया कि पिछले डेढ़ माह में सोशल मीडिया पर प्राप्त 1180 शिकायतों का समय पर समाधान किया गया। वहीं, पिछले 24 घंटों में वॉट्सएप से 6, ऊर्जस ऐप से 508, और फेसबुक, इंस्टाग्राम व एक्स के माध्यम से 24 उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण किया गया है।
उन्होंने बताया कि हर दिन लगभग 500 उपभोक्ताओं को फोन कर बिजली सेवाओं पर फीडबैक लिया जा रहा है। सभी माध्यमों से दर्ज होने वाली शिकायतों पर तुरंत संज्ञान लेकर समाधान किया जा रहा है। साथ ही, शिकायतकर्ता को समाधान की फोन कॉल के माध्यम से पुष्टि भी दी जाती है, ताकि उनकी संतुष्टि सुनिश्चित हो सके।
बिजली विभाग की टीम उपभोक्ताओं की शिकायतों का निराकरण कर रही है।
इंदौर जिले का 11वां ग्रिड ऊर्जीकृत
शासन की महत्वाकांक्षी योजना आरडीएसएस के तहत इंदौर जिले का 11वां 33/11 केवी ग्रिड सिरपुर (धार रोड) क्षेत्र में प्रोटोकॉल के साथ ऊर्जीकृत किया गया है। इस ग्रिड के चालू होने से हजारों उपभोक्ताओं को बेहतर गुणवत्ता की बिजली आपूर्ति मिलेगी।
इंदौर जिले में अब तक आरडीएसएस योजना के तहत 5 एमवीए क्षमता के 11 ग्रिड तैयार हो चुके हैं। देश का पहला आरडीएसएस ग्रिड इंदौर जिले के ईमलीखेड़ा (अरविंदो अस्पताल के पास) शुरू हुआ था। इसके बाद बड़ियाकीमा बिचौली, राजोदा, गंगाबांध कंपेल, लिम्बोदागारी, सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल, बिलावली तालाब, देवास नाका, रसोमा चौराहा, सुलकाखेड़ी पंचकुईया और सिरपुर में ग्रिड शुरू हो चुके हैं।
वर्तमान में इंदौर जिले की सीमा में 250 से अधिक 33/11 केवी ग्रिडों से बिजली आपूर्ति की जा रही है, जिनमें से 138 ग्रिड केवल इंदौर शहर में स्थित हैं।

कर्मचारी सुधार कार्यों में जुटे हुए है।
ट्रांसफार्मरों के नए बॉक्स लगाने का अभियान
शहर में ट्रांसफार्मरों की सुरक्षा बढ़ाने और पुराने बॉक्स हटाकर नए बॉक्स लगाने का अभियान चलाया जा रहा है। पिछले एक माह में 200 से अधिक स्थानों पर ट्रांसफार्मर बॉक्स बदले जा चुके हैं, ताकि करंट जैसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके।
शहर अधीक्षण अभियंता डी.के. गाठे ने बताया कि मध्य और उत्तर संभाग में प्रत्येक 90 ट्रांसफार्मरों पर नए बॉक्स लगाए गए हैं। इन क्षेत्रों में सांवेर रोड औद्योगिक क्षेत्र, धार रोड, सिरपुर, बांक और चंदन नगर शामिल हैं। वहीं, दक्षिण संभाग में 22, पश्चिम संभाग में 14, और पूर्व संभाग में 12 ट्रांसफार्मरों के बॉक्स बदले गए हैं।