काकरोच – धरती के सबसे पुराने जीवों में से एक
काकरोच कोई आम कीड़ा नहीं है. यह धरती पर करीब 30 करोड़ साल पहले से मौजूद है. डायनासोर के जमाने से भी पहले इसका अस्तित्व रहा है. वैज्ञानिकों के अनुसार, यह कीट इतनी विषम परिस्थितियों में भी जिंदा रह सकता है, जहां ज्यादातर जीव नहीं बच पाते.
यह सवाल अक्सर सबके मन में आता है. किसी भी जीव का सिर काट देने पर वह तुरंत मर जाता है, लेकिन काकरोच के साथ ऐसा नहीं होता. इसके पीछे हैं कुछ वैज्ञानिक कारण:
1. मस्तिष्क का महत्व सीमित
काकरोच का दिमाग उसके पूरे शरीर में फैला होता है. यह अकेले सिर पर निर्भर नहीं होता. यही कारण है कि सिर कटने के बावजूद भी उसका शरीर कई जरूरी क्रियाएं जैसे चलना, प्रतिक्रिया देना आदि कर सकता है.
काकरोच का शरीर हमारे शरीर की तरह ब्लड प्रेशर सिस्टम पर आधारित नहीं होता. इसका खून एक खुले सर्कुलेशन सिस्टम में बहता है, इसलिए सिर कटने पर खून बहने से इसकी मृत्यु नहीं होती.
3. नाक से नहीं, स्किन से सांस
काकरोच फेफड़ों से नहीं, बल्कि शरीर पर मौजूद छोटे-छोटे छिद्रों (spiracles) से सांस लेता है. यह छिद्र पूरे शरीर पर होते हैं. इसलिए सिर न होने पर भी यह सांस ले सकता है.
काकरोच बिना खाए-पिए एक महीने तक जिंदा रह सकता है. सिर कटने के बाद यह खाना नहीं खा सकता, लेकिन जब तक इसका शरीर ऊर्जा खत्म नहीं करता, तब तक यह जीवित रह सकता है.
कितने दिन तक जिंदा रह सकता है?
वैज्ञानिक शोधों के अनुसार, यदि काकरोच का सिर काट दिया जाए, तब भी वह 7 से 10 दिन तक जिंदा रह सकता है. इसके बाद वह भूख और प्यास से मर जाता है, न कि सिर कटने से.
रेडिएशन भी नहीं मार सकता काकरोच को!
काकरोच पर और भी हैरान कर देने वाले तथ्य हैं:
यह कीट मानव से कहीं अधिक रेडिएशन सह सकता है. एक परमाणु बम धमाके के बाद भी काकरोच के जिंदा रहने की संभावना इंसानों से ज्यादा होती है.
यही वजह है कि वैज्ञानिक काकरोच को “सर्वाइवल का मास्टर” मानते हैं.
नमी, अंधेरा और गंदगी काकरोच की सबसे पसंदीदा जगह होती है.
किचन का सिंक, बाथरूम, फ्रिज के पीछे का हिस्सा और जूते-चप्पलों के पास ये आसानी से छिप जाते हैं.
कैसे बचें काकरोच से?
1. घर को साफ और सूखा रखें
3. कीटनाशकों का समय-समय पर प्रयोग करें
काकरोच सिर्फ एक आम कीड़ा नहीं, बल्कि जीवित रहने की मिसाल है. सिर कटने के बाद भी इसका जिंदा रहना, रेडिएशन सहन करना, बिना भोजन लंबे समय तक जीना — ये सभी बातें इसे एक अद्भुत जीव बनाती हैं. हालांकि, यह घर के लिए अस्वच्छता और बीमारी का कारण भी बन सकता है, इसलिए इसे गंभीरता से लेना जरूरी है.