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Ujjain News: एकादशी पर गलती से भी चावल का सेवन न करें, साथ ही इस दिन मांस-मदिरा, लहसुन-प्याज जैसी तामसिक चीजों से भी दूर रहना चाहिए. अगर आप एकादशी का व्रत रख रहे हैं, तो झूठ बोलने से बचें और किसी के लिए अपशब्दो…और पढ़ें
आचार्य आनंद भारद्वाज ने लोकल 18 को बताया कि वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि 21 जुलाई को होगी. 21 जुलाई को कामिका एकादशी मनाई जाएगी. एक पौराणिक कथा के अनुसार, महर्षि मेधा ने मां के क्रोध से बचने के लिए अपनी योग शक्तियों के माध्यम से शरीर का त्याग कर दिया और उनका अंश पृथ्वी में समा गया. यह घटना एकादशी के दिन हुई थी. उन्होंने जौ और चावल के रूप में जन्म लिया. माना जाता है कि एकादशी के दिन चावल और जौ खाने की तुलना महर्षि मेधा के शरीर से की जाती है, इसलिए एकादशी के दिन चावल नहीं खाए जाते हैं.
लक्ष्मीनारायण की पूजा से सभी दुखों का नाश
बताते चलें कि एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है. मान्यता है कि एकादशी के दिन व्रत रखकर लक्ष्मीनारायण की पूजा करने से सभी दुखों का नाश होता है और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. वहीं सावन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी काफी खास होती है क्योंकि इस दिन भगवान शिव और भगवान विष्णु की कृपा पाने का सबसे अच्छा अवसर होता है.
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