12 जुलाई को करणी सेना के जिला पदाधिकारियों ने थाने पर पहुंचकर हंगामा किया था।
मप्र के हरदा जिले में पुलिस और करणी सेना के कार्यकर्ताओं के बीच हुए टकराव के पीछे 1.52 कैरेट का एक हीरा है। दरअसल, करणी सेना परिवार के पदाधिकारी आशीष राजपूत से हीरा खरीदने के नाम पर पिछले साल 18 लाख रुपए की धोखाधड़ी हुई थी। पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्
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इसे लेकर जब हंगामा हुआ तो पुलिस ने कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया और करणी सेना के जिलाध्यक्ष समेत 4 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया। इसी का विरोध करने करणी सेना के प्रदेश अध्यक्ष जीवन सिंह शेरपुर हरदा पहुंचे थे। पुलिस ने उन्हें भी गिरफ्तार किया। कार्यकर्ताओं ने इस गिरफ्तारी का विरोध किया।
बिगड़ती कानून व्यवस्था को देखते हुए पुलिस ने आंसू गैस का इस्तेमाल किया और कार्यकर्ताओं पर लाठीचार्ज किया। इस कार्रवाई का विरोध करते हुए करणी सेना संगठन ने पूरे प्रदेश में प्रदर्शन किया। आखिर क्या है उस हीरे की कहानी जिसकी वजह से तीन दिन तक पूरे प्रदेश में बवाल हुआ। पढ़िए रिपोर्ट
अब जानिए क्या है पूरा मामला
पंडित की सलाह पर पहना हीरा हरदा के केलनपुर गांव के रहने वाले आशीष राजपूत ने साल 2012 में मिडिल स्कूल के सामने जय अंबे नाम से एक कम्प्यूटर की दुकान खोली थी। आशीष और उनके छोटे भाई जितेंद्र मिलकर ये दुकान चला रहे थे। 2019 में आशीष ने अपना बिजनेस बढ़ाते हुए एक और दुकान ली। इसमें अच्छा खासा पैसा खर्च हुआ।
कुछ ही महीने बाद कोविड-19 की वजह से दुकान पूरी तरह से बंद हो गई। इस वजह से व्यापार में लाखों रुपए का घाटा हुआ। कोरोना काल खत्म होने के बाद भी व्यापार में कोई तरक्की नहीं हुई, तो आशीष ने एक ज्योतिष को अपनी कुंडली दिखाई। ज्योतिष ने ग्रहों की चाल बिगड़ने का हवाला देकर आशीष को हीरा पहनने की सलाह दी।

24 जनवरी 2024 को विकास और मोहित से मुलाकात पुलिस ने जो एफआईआर दर्ज की है उसके मुताबिक 24 जनवरी को आशीष अपने घर पर ही था। उसने अपने दोस्त और करणी सेना के जिला अध्यक्ष सुनील राजपूत को फोन लगाया और पूछा- कहां हो? सुनील ने बताया कि वह दोस्तों के साथ रुद्राक्ष होटल में है। कुछ ही देर बाद आशीष भी रुद्राक्ष होटल पहुंच गया।
वहां सुनील के साथ रोहित राठौर और गब्बर तोमर भी थे। इन दोनों को आशीष पहले से जानता था। यहां दो अजनबी शख्स भी मौजूद थे। उनमें से एक का नाम विक्की उर्फ विकास लोधी और दूसरा उसका साथी मोहित वर्मा था। औपचारिक जान पहचान के बाद सभी लोग आपस में बातें करने लगे।
इसी बीच विक्की और मोहित हीरा खरीदने–बेचने की बात करने लगे। इस पर आशीष ने कहा – मुझे भी एक हीरा खरीदना है, तब मोहित बोला कि मेरे पास एक 1.52 कैरेट का हीरा है। जिसकी कीमत 18 लाख रुपए है। दोनों की बातों में आकर आशीष 18 लाख रुपए में हीरा खरीदने को तैयार हो गया। हीरे की डिलीवरी का दिन भी तय हो गया।

फरवरी में आशीष ने 18 लाख में हीरा खरीदा डील फाइनल होने के बाद मोहित के साथ विक्की लोधी भी इन्दौर चला गया। एक सप्ताह बाद मोहित ने आशीष को हीरा लेने के लिए इंदौर बुलाया। आशीष अपने साथी सुनील, रोहित और गब्बर के साथ 4 फरवरी 2024 को इंदौर पहुंचा। इंदौर में विक्की लोधी और मोहित वर्मा उसे पलासिया इलाके में आनंद ज्वैलर्स के सामने मिले।
यहां कहानी में एक नए किरदार उमेश तपानिया की एंट्री हुई। गुजरात के रहने वाले उमेश ने आशीष को हीरा दिखाया। आशीष और उनके दोस्तों ने आनंद ज्वेलर्स पर जाकर हीरे को चेक कराया। ज्वेलर ने कहा कि हीरा असली है और उसकी कीमत 18 लाख रु. है।
आशीष ने मोहित के माध्यम से उमेश तपानिया को 16 लाख 79 हजार रुपए नकद दिए। साथ ही अपने दोस्त रोहित के अकाउंट से दो अन्य लोगों के अकाउंट में 35-35 हजार रुपए का ऑनलाइन ट्रांजैक्शन किया। हीरा लेकर आशीष और उसके तीनों दोस्त वापस हरदा आ गए।

आशीष ने हीरे के बारे में अपने परिवार को भी नहीं बताया था।
15 दिन बाद कॉल… और हाथ से चला गया हीरा आशीष को हीरा पहने कुछ ही दिन हुए थे कि एक दिन मोहित वर्मा ने आशीष के दोस्त और करणी सेना के जिलाध्यक्ष सुनील को कॉल किया। उसने कहा कि, ‘जो हीरा आशीष को दिलवाया था उसकी कीमत बढ़ गयी है। यदि अच्छा पैसा कमाना है तो मुंबई आ जाओ।’
हीरा बेचने से फायदा होने की बात सुनकर आशीष 20 फरवरी को मुंबई पहुंचा। यहां उसे उमेश और मोहित मिले। दोनों आशीष को ईस्ट मलाड की एक ज्वैलरी की दुकान पर ले गए। यहां उन्होंने हीरे की जांच कराई। कुछ देर बाद दोनों वापस लौटे और बोले- हमने मशीन से हीरे की जांच कराई है, यह नकली हीरा है।

हीरे की कीमत के बदले दिए चेक बाउंस हुए आशीष ने जब हीरा नकली होने की बात सुनी तो उसे उमेश और मोहित पर शक हुआ। उसने दोनों से कहा कि तुमने हीरा बदल दिया है। इस पर तीनों के बीच कहासुनी हुई। जब विवाद ज्यादा बढ़ा तो मोहित और उमेश ने स्वीकार किया कि हमने ही हीरा बदल दिया है। दोनों ने ये भी कहा कि वो 23 लाख रुपए में उस हीरे का सौदा कर आए हैं।
आशीष ने दोनों को चेतावनी दी कि यदि उसका पैसा वापस नहीं मिला तो उससे बुरा कोई नहीं होगा। इसके बाद मोहित और उमेश दोनों ने आशीष को 10 लाख और 13 लाख रुपए के दो चैक दिए और कहा कि एक महीने बाद इसमें से पैसा निकाल लेना। एक महीने बाद जब आशीष ने बैंक में चेक लगाए तो वो बाउंस हो गए।
आशीष ने मोहित और उमेश के खिलाफ कोर्ट में चेक बाउंस का मुकदमा दायर किया। साथ ही 11 दिसंबर 2024 को उमेश, मोहित और विक्की के खिलाफ हरदा थाने पर ठगी और धोखाधड़ी की शिकायत की। इस शिकायत पर पुलिस ने तीनों के खिलाफ धोखाधड़ी और अमानत में खयानत की धाराओं में मामला दर्ज किया और तीनों को गिरफ्तार किया। जमानती धाराएं होने के कारण उन्हें थाने से जमानत मिल गई।

आशीष राजपूत(बाएं) और करणी सेना जिला अध्यक्ष सुनील ने आरोप लगाया कि पुलिस ने आरोपियों से मिलीभगत की।
भाई बोला, मुसीबत बनकर आया हीरा आशीष ने न केवल 18 लाख रुपए गंवाए बल्कि ठगों ने हीरा भी हड़प लिया। बदले में दिए गए चैक के बाउंस होने के बाद से आशीष बहुत परेशान था। आशीष के छोटे भाई जितेंद्र बताते हैं, कोरोना के समय से व्यापार में घाटा हो रहा था। हमारी दोनों दुकानें किराए पर चलती हैं। 60-70 हजार रुपए तो किराए का ही घाटा हुआ।
चार-पांच महीने दुकान बंद रही। कोरोना खत्म होने के बाद भी घाटे से उबर नहीं पाए। आर्थिक परेशानी को दूर करने के लिए भाई ने इतना महंगा हीरा खरीदा ये परिवार में किसी को नहीं पता था। जब भाई के साथ धोखाधड़ी हुई और मामला थाने तक पहुंचा तब परिवार में सभी को इस पूरे मामले के बारे में पता चला।

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