बालाघाट जिले में बच्चों को दिया गया पैरासिटामॉल सिरप अवमानक पाया गया है। लेकिन जांच करने लिए सैंपल की रिपोर्ट डेढ़ साल बाद मिली। इसके पहले ही अस्पताल से करीब 4 हजार सिरप की बोतल मरीजों को बांट दी गई। सीएमएचओ डॉ. परेश उपलप ने इसकी पुष्टि की है।
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जांच रिपोर्ट आने से पहले बांट दिया स्टॉक
जानकारी के अनुसार धार जिले की क्वांटास लैब दवा कंपनी से अक्टूबर 2023 में 4 हजार बोतलें वितरण के लिए आईं थी। इसकी जांच के लिए दिसंबर 2023 में लिए गए सैंपल की जांच रिपोर्ट 25 जून 2025 को आई। जबकि दिसंबर 2024 तक पूरा स्टाक ही बांट दिया गया। वहीं स्वास्थ्य विभाग का कहना है कि दवा मंगाते समय दिल्ली प्रयोगशाला की रिपोर्ट में क्वालिटी स्टैंडर्ड थी। इसलिए मरीजों को ये सिरप बांटा गया।
जिला अस्पताल का दवा कक्ष।

जिला अस्पताल में मौजूद अन्य दवा का स्टॉक।
रिपोर्ट में आया लिक्विड घुलनशील नहीं
रिडिस्पर्सिबल रिपोर्ट में पाया गया कि सिरप में पैरासिटामॉल लिक्विड के साथ घुलनशील नहीं था। यानी बॉडी को जितने मिलीग्राम की जरूरत है। उतनी दवाई बच्चों के शरीर को नहीं मिल पा रही है। इसलिए इसका सैंपल फेल आया है। स्वास्थ्य विभाग पर जून में रिपोर्ट आने के बाद भी मामले को दबाने का आरोप है।
MLA बोले- विधानसभा में उठाएंगे मुद्दा
कांग्रेस विधायक संजय उईके ने इसे गंभीर मामला बताया है। उन्होंने कहा कि यह रूटीन सैंपल की जांच में सामने आया है। अगर सभी दवाओं की जांच हो तो कई और अवमानक दवाएं मिल सकती हैं। वे इस मुद्दे को विधानसभा में उठाएंगे।

CMHO कार्यालय और अस्पताल दवा प्रबंधक कार्यालय।
कलेक्टर मृणाल मीणा ने सीएमएचओ को कंपनी के खिलाफ कार्रवाई शुरू करने के निर्देश दिए हैं। ड्रग इंस्पेक्टर ने सीएस स्टोर रूम से सिरप के सैंपल लिए थे।
CMHO बोले- किसी को नुकसान नहीं
सीएमएचओ डॉ. परेश उपलप ने कहा कि दवा के साथ मिली दिल्ली की रिपोर्ट के आधार पर सैंपल के बाद भी दवा का वितरण किया गया। इस दवा के सेवन से किसी प्रकार से बच्चों को, नुकसान का कोई मामला सामने नहीं आया।