महाकाल महालोक में आज दिव्यांग कलाकारों की विशेष प्रस्तुति: सागर से आए कलाकार बुंदेलखंड का पारंपरिक मौनिया नृत्य करेंगे पेश – Ujjain News

महाकाल महालोक में आज दिव्यांग कलाकारों की विशेष प्रस्तुति:  सागर से आए कलाकार बुंदेलखंड का पारंपरिक मौनिया नृत्य करेंगे पेश – Ujjain News


श्री महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण-भादो माह के दौरान चल रही सांस्कृतिक संध्या में आज एक विशेष प्रस्तुति होने जा रही है। सागर से आए 15 दिव्यांग कलाकार बुंदेलखंड का पारंपरिक मौनिया नृत्य प्रस्तुत करेंगे। यह कार्यक्रम शाम 6 से रात 8 बजे तक महाकाल महालोक

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नृत्य निर्देशक उमेश वैद्य के अनुसार, दल में सभी कलाकार दिव्यांग हैं। ये कलाकार नृत्य, गायन और वादन सभी में निपुण हैं। मौनिया नृत्य में पुरुष कलाकार पारंपरिक वेशभूषा में मोर के पंखों के साथ घेरा बनाकर नृत्य करते हैं। इस प्रस्तुति में भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं को प्राचीन वाद्य यंत्रों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा।

मौनिया नृत्य बुंदेलखंड का सबसे प्राचीन नृत्य है। इसे सेहरा और दीपावली नृत्य भी कहा जाता है। यह नृत्य विशेष रूप से दीपावली के दूसरे दिन किया जाता है। इस नृत्य का नाम मौन से आया है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, एक बार श्रीकृष्ण की गायें खो गईं। वे दुखी होकर मौन हो गए। गायें मिलने पर उन्होंने मौन तोड़ा। तभी से भक्त मौन व्रत रखकर 12 गांवों की परिक्रमा करते हुए यह नृत्य करते हैं।

महाकाल महालोक में यह पहला अवसर है जब बुंदेलखंड का यह पारंपरिक लोकनृत्य प्रस्तुत किया जाएगा। यह कार्यक्रम श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा आयोजित किया जा रहा है।



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