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Jabalpur News: इंदौर से जबलपुर आए धर्मेंद्र शर्मा ने लोकल 18 से कहा कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में जबलपुर नगर निगम आए हैं. वह तीन दिन से जबलपुर में ठहरे हैं. इंदौर और जबलपुर की तुलना अभी नहीं की जा सकती….और पढ़ें
लोकल 18 की टीम ने जब जबलपुर के लोगों से शहर की स्वच्छता के बारे में बातचीत की, तो उनका रिएक्शन मिला-जुला रहा. जहां नगर निगम के कर्मचारी काफी खुश दिखाई दिए, तो वहीं कुछ रहवासी इलाकों के लोगों का कहना था कि रैंकिंग भले ही टॉप 5 की हो लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. दूसरी तरफ इंदौर से जबलपुर आए एक शख्स ने यह तक कह डाला कि नगर निगम का प्रयास अच्छा है लेकिन नगर निगम के परिसर में ही गंदगी देखने को मिल जाती है. इंदौर से तुलना ऐसे में कैसे की जा सकती है. फिलहाल मेहनत की जरूरत है.
इंदौर के मुकाबले शहर अभी भी पीछे
इंदौर से आए धर्मेंद्र शर्मा ने कहा कि वह मृत्यु प्रमाण पत्र के संबंध में जबलपुर नगर निगम आए हुए हैं. बीते तीन दिन से जबलपुर शहर में ठहरे हुए हैं. शहर काफी हद तक साफ दिखाई दिया लेकिन इंदौर के मुकाबले शहर अभी भी पीछे है. वह दोनों शहरों की तुलना को लेकर भड़क उठे. उन्होंने कहा कि जबलपुर और इंदौर की तुलना अभी नहीं की जा सकती. एक तरफ जबलपुर शहर में सड़कों में गड्ढे हैं, कई नालियां भरी हुई हैं. यहां तक कि नगर निगम परिसर में भी कचरा है. इसका मतलब है कि अधिकारियों को ध्यान देने की और भी ज्यादा जरूरत है.
जबलपुर नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि जबलपुर शहर धीरे-धीरे आगे बढ़ रहा है और अब देश के स्वच्छ शहरों के मामले में टॉप 5 पर पहुंच गया है. जरूर कुछ कमियां हैं, रैंकिंग में कहां नंबर कटे, उस पर भी फोकस होगा. जिसे दूर करने का प्रयास किया जाएगा और इंदौर की तरह नंबर वन बनकर दिखाया जाएगा.
पिछले साल हासिल किया था 13वां स्थान
दरअसल सुपर स्वच्छ लीग के तहत भारत सरकार के आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय द्वारा स्वच्छता के उत्कृष्ट कार्य करने वाले शहरों का चयन कर पुरस्कृत किया गया है. इसमें मध्य प्रदेश के 8 शहरों का चयन हुआ, जिसमें जबलपुर ने भी बाजी मारी है. वहीं पिछले साल 2023 के नतीजे में 10 लाख से ज्यादा आबादी वाले शहरों में जबलपुर की स्वच्छता रैंकिंग 13 स्थान पर थी, जो इस बार पांचवें स्थान पर आ गई है.