Last Updated:
Ajab Gjba News: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में एक ऐसी मकड़ी दिखाई दी जो बंदरों की तरह उछलती-कूदती है और अपनी छलांग से शिकार पकड़ती है. इसे ‘जंपिंग स्पाइडर’ कहा जाता है और इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसकी 8 आंखें होती हैं. ये मकड़ी बिना जाल बनाए शिकार करती है और बेहद फुर्तीली होती है. अब यह तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.
छिंदवाड़ा जिले के पेंच टाइगर रिजर्व में एक बेहद खास नज़ारा देखने को मिला. यहां एक ऐसी मकड़ी दिखाई दी जो बंदरों की तरह उछलती-कूदती है और अपनी छलांग से शिकार पकड़ती है. इस मकड़ी की 8 आंखें है.

फोटो कंपीटीशन के दौरान इस दुर्लभ मकड़ी को कैमरे में कैद किया गया. इसे ‘जंपिंग स्पाइडर’ कहा जाता है और इसकी सबसे बड़ी खासियत ये है कि इसकी 8 आंखें होती हैं.ये मकड़ी बिना जाल बनाए शिकार करती है और बेहद फुर्तीली होती है.

दअरसल, पेंच टाइगर रिजर्व में काम करने वाले फॉरेस्ट गार्ड शरद कुमार सराठिया ने इस मकड़ी को अपने कैमरे में कैद किया है. तस्वीर में ये मकड़ी हवा में उड़ती एक मक्खी को शिकार बनाते हुए साफ नजर आ रही है.

सामान्य मकड़ियों की तरह यह मकड़ी कोई जाल नहीं बुनती, बल्कि सामने से शिकार को देखती है, उसकी दूरी नापती है और फिर एक ही छलांग में उसे पकड़ लेती है. इसकी ताकतवर पिछली टांगे इसे हवा में लंबी दूरी तक कूदने में मदद करती हैं.

बता दें कि, पेंच टाइगर रिजर्व में हर दिन कर्मचारियों के लिए वाइल्डलाइफ फोटोग्राफी का मुकाबला होता है. उसी दौरान शरद ने इस जंपिंग स्पाइडर की फोटो खींची. अब ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

वाइल्डलाइफ एक्सपर्ट के मुताबिक, इस मकड़ी की आठ आंखों में से दो आंखें काफी बड़ी होती है. इससे उसे चीज़ें थ्री-डी में दिखती हैं, जैसे हमें फिल्म थ्रीडी चश्मे से दिखती है. इससे ये सही दूरी का अंदाजा लगाकर छलांग लगाती है और शिकार को पकड़ लेती है.

भले ही इसका आकार छोटा हो, लेकिन इसकी तेजी और नजर दोनों जबरदस्त होती है. यह झाड़ियों, पेड़ों और जमीन पर कभी भी दिख सकती है. उड़ती हुई मक्खी को पकड़ लेना इसके लिए आम बात है.

जंपिंग स्पाइडर को लेकर वैज्ञानिकों का कहना है कि ये मकड़ी माहौल के हिसाब से अपना रंग भी बदल सकती है. इससे ये अपने शिकार से खुद को छिपा लेती है और मौका मिलते ही हमला करती है.

पेंच टाइगर रिजर्व सिर्फ बाघों और हिरनों के लिए नहीं जाना जाता, बल्कि यहां हर रोज़ कुछ नया देखने को मिलता है. ये मकड़ी इस बात का सबूत है कि जंगल में हर छोटे-बड़े कई दुर्लभ जीव भी यहां मौजूद है.