Sawan Shivratri 2025: इस दिन है सावन की मासिक शिवरात्रि! भद्रावास और हर्षण योग में पूजा से मिलेगा दोगुना फल

Sawan Shivratri 2025: इस दिन है सावन की मासिक शिवरात्रि! भद्रावास और हर्षण योग में पूजा से मिलेगा दोगुना फल


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Masik Shivratri 2025 Date: सनातन धर्म में हर महीने कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है. इस बार सावन माह की इस तिथि को लेकर असमंजक स्थिति बनी हुई है. आइए जानते हैं सही तिथि और शुभ मुहूर्त…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • ॐ त्रिदलं त्रिगुणाकारं त्रिनेत्रं च त्रिधायुतम्
  • पूजा विधि और अद्भुत व्रत लाभ
  • मिलेगी लंबी उम्र और सुख-समृद्धि

मासिक शिवरात्रि 2025. सनातन धर्म में हर तिथि और वार का विशेष महत्व होता है. हर महीने शिवरात्रि आती है, जो कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है. यह दिन देवों के देव महादेव भोलेनाथ को समर्पित होता है, लेकिन सावन मास की शिवरात्रि विशेष महत्व रखती है. इस दिन भगवान शिव और मां पार्वती की पूजा की जाती है और भक्त व्रत भी रखते हैं. मान्यता है कि मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है. विवाहित महिलाओं के सुख और सौभाग्य में वृद्धि होती है, जबकि अविवाहितों के लिए शीघ्र विवाह के योग बनते हैं. इस बार उज्जैन के पंडित आनंद भारद्वाज के अनुसार सावन महीने में मासिक शिवरात्रि और खास हो रही है, क्युंकि इस दिन भद्रावास योग और हर्षण योग इन योग में भगवान शिव की पूजा करने से साधक को दोगुना फल मिलेगा.

वैदिक पंचांग के अनुसार, सावन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को है. इस तिथि का 23 जुलाई को शुभारंभ सुबह 04 बजकर 39 मिनट पर होगा. वहीं, 24 जुलाई को देर रात 02 बजकर 28 मिनट पर चतुर्दशी तिथि का समापन होगा. इस तरह 23 जुलाई को सावन माह की शिवरात्रि मनाई जाएगी. 23 जुलाई को पूजा का समय निशा काल में 12 बजकर 07 मिनट से लेकर 12 बजकर 48 मिनट तक है.

मासिक शिवरात्रि व्रत के लाभ
ऐसी मान्यता है कि शिव मंत्रों का जाप शिवालय या घर के पूर्व भाग में बैठकर करने से अधिक फल प्राप्त होता है. मासिक शिवरात्रि की पूजा के बाद ब्राह्मणों को भोजन कराकर स्वयं भोजन करना चाहिए. मासिक शिवरात्रि का व्रत जो भी भक्त पूरे श्रद्धाभाव से करता है, उसके माता-पिता के सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. साथ ही स्वयं के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उस व्यक्ति जीवन को जीवन के सारे सुख प्राप्त होते हैं. इस व्रत की महिमा से व्यक्ति दीर्घायु, ऐश्वर्य, आरोग्य और संतान आदि प्राप्त करता है. ऐसी मान्यता है कि इस व्रत को करने वाले व्यक्ति की सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं.

जरूर करें इन मंत्रों का जाप
– ऊं त्रिदलं त्रिगुणाकारम त्रिनेत्रम च त्रिधायुतम्। त्रिजन्म पाप संहारम एक बिल्व शिवार्पणम. – ऊं शिवाय नमः – ऊं सर्वात्मने नमः – ऊं त्रिनेत्राय नमः – ऊं हराय नमः – ऊं इन्द्रमुखाय नमः

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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इस दिन है सावन की मासिक शिवरात्रि! भद्रावास और हर्षण योग में पूजा से मिलेगा फल

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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