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Organic Fertiliser for Crops: कम लागत में बंपर फसल चाहिए? जानिए कैसे लाल केचुआ बना रहा है किसानों का सबसे बड़ा मददगार, और कैसे घर पर ही बना सकते हैं वर्मी कम्पोस्ट.
हाइलाइट्स
- लाल केंचुओं से बागवानी को मिलेगी रफ्तार
- वर्मी कम्पोस्ट से फसल में होगा तीन गुना मुनाफा
- कम लागत में ही मिलेगा बंपर मुनाफा
लाल केचुआ निभाएगा मेन रोल
इस प्रक्रिया में सबसे अहम भूमिका निभाते हैं आइसिना फोटिडा यानी रेड विग्लर केंचुए. ये केंचुए जैविक कचरे को तेजी से विघटित कर उच्च गुणवत्ता की खाद तैयार करते हैं. यह खाद मिट्टी की संरचना को सुधारती है और रासायनिक उर्वरकों की आवश्यकता को काफी हद तक कम कर देती है. लोकल 18 से बात करते हुए रोपणीय प्रभारी रामटेकरी विष्णु कुमार तिवारी ने बताया कि सरकार की भी मंशा है कि किसान रासायनिक विकल्पों की जगह वर्मी कम्पोस्ट का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करें. इससे न केवल फसल बेहतर होगी बल्कि लागत भी कम आएगी.
वर्मी कम्पोस्ट बनाने का तरीका बहुत आसान है. सबसे पहले कच्चे गोबर और फिर पत्ते, घास-फूस और सब्जियों के सड़े-गले कचरे को मिलाकर पिट में भरें. इसके बाद प्रति बेड दो किलो आइसिना फोटिडा केचुआ डालें. पिट को घास-फूस, ग्रीन नेट या बोरे से ढक दें और नियमित रूप से हल्की सिंचाई करें. केंचुए अंधेरे और सड़ी-गली सामग्री में तेजी से सक्रिय होते हैं इसलिए खाद जल्दी तैयार हो तो गोबर को पानी में घोलकर डालना भी उपयोगी होता है.
लगात में कमी और पैदावार में होगी तीन गुनी
तकरीबन 10–15 दिनों में खाद बनने लगती है, जिसे निकालकर इस्तेमाल किया जा सकता है. 45 दिन में यह खाद पूरी तरह तैयार हो जाती है. बीच-बीच में इस खाद की उलटाई पलटाई करते रहना चाहिए जिससे ऑक्सीजन और नमी का संतुलन बना रहे. इस खाद का उपयोग करने से पैदावार तीन गुना तक बढ़ सकती है और फसल की गुणवत्ता भी शानदार होती है. यह तरीका पर्यावरण के लिए सुरक्षित, लागत में किफायती और किसान के लिए लाभकारी साबित हो रहा है.