इंदौर शहर में 4+1 या इससे अधिक की क्षमता के संचालित ई-रिक्शा के किरायों की दर तय हो गई है। यह किराया क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकार द्वारा जारी आदेश के अनुक्रम में हुआ है। ई-रिक्शा पैसेंजर बैठक क्षमता 4 या इससे अधिक के लिए पहले दो किलोमीटर और उसके भाग के
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इधर, प्रशासन ने ई रिक्शा की दर जरूर तय कर दी है। लेकिन इनकी बढ़ती संख्या पर अभी तक कोई लगाम कसने के कदम नहीं उठाए है। इंदौर में ई रिक्शा की सुविधा शहरवासियों के लिए अब परेशानी का सबब बन गई है। शहर में ई-रिक्शा की संख्या इतनी तेजी से बढ़ी कि किसी को कुछ समझ ही नहीं आया। राजवाड़ा जैसा सघन क्षेत्र जहां पैदल चलना भी मुश्किल है।
इंदौर में 12 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा
करीब छह माह पहले महापौर ने खुद सार्वजनिक रूप से घोषणा की थी कि राजवाड़ा क्षेत्र ई-रिक्शा मुक्त होगा, लेकिन घोषणा भी हवा में उड़ गई और कुछ नहीं हुआ। परिवहन विभाग के अनुसार शहर में वर्तमान में 12 हजार से ज्यादा ई-रिक्शा दौड़ रहे हैं। हाई कोर्ट खुद परिवहन विभाग, जिला प्रशासन और नगर निगम को ई-रिक्शा की वजह से शहरवासियों को हो रही परेशानी को लेकर फटकार लगा चुका है, बावजूद इसके कुछ नहीं हुआ।