मंत्री विजयवर्गीय ने इंदौर में Z डिजाइन वाले ब्रिज का मौका मुआयना किया।
इंदौर में बन रहे जेड डिजाइन वाले ओवर ब्रिज का जायजा लेने शुक्रवार को मंत्री कैलाश विजयर्गीय मौके पर पहुंचे। उनके साथ पीडब्ल्यूडी और आईआईटी इंदौर के प्रोफेसर, डिजाइन एक्सपर्ट मौजूद थे।
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मंत्री ने डिजाइन को मौके से मिलान किया तो उसमें दो जगह 90 डिग्री के मोड़ बन रहे हैं। जिन पर बड़े वाहन मुड़ ही नहीं पाएंगे। जब मंत्री विजयवर्गीय ने अफसरों से सवाल किए तो जवाब मिला कि जितनी जगह मिली थी उसी में प्लानिंग करना थी।
इस पर मंत्री ने कहा कि ऐसा नहीं चलेगा। अगर और जमीन की जरूरत है तो फिर आप प्रस्ताव बनाकर दें हम दिलवाएंगे। इंदौर की जनता के साथ अन्याय नहीं होने दिया जाएगा। पोलोग्राउंड और लक्ष्मीबाईनगर स्टेशन की तरफ व एमआर 4 वाले हिस्से में और जगह लिए जाने को लेकर बात होगी। फिर दोबारा से इसकी डिजाइन तैयार की जाएगी।
मंत्री विजयवर्गीय ने यहां पर अफसरों से यह भी पूछा कि इस ब्रिज की दूसरी भुजा जो कि लक्ष्मीबाईनगर स्टेशन की तरफ उतार रहे हैं तो एक और भुजा उतारने को लेकर क्या प्लानिंग है। ऐसे में अफसरों ने कहा कि एक अन्य भुजा भागीरथपुरा की तरफ उतारने का प्लान है। हालांकि, वह डिजाइन में दिखी नहीं।
एक्सपर्ट अतुल सेठ और आईआईटी के प्रोफेसर प्रियांशु ने सुझाव दिया कि एमआर 4 पर ट्रैफिक का लोड अभी भी है और आने वाले समय में भी रहेगा। ऐसे में इसकी दोनों भुजाओं को एमआर 4 पर ही उतारा जाना ठीक होगा।
मंत्री कैलाश विजयवर्गीय और तुलसी सिलावट ने अफसरों के साथ मौके पर डिजाइन देखी।
वाहनों के लिए कम से कम 18 मीटर चाहिए सिटी इंजीनियर अतुल सेठ ने बताया कि लक्ष्मी बाई नगर रेलवे ओवर ब्रिज अंग्रेजी के अक्षर Z आकार का बन रहा है। उसमें 90 डिग्री के दो मोड़ हैं। असल में बड़े वाहनों को मोड़ पर घूमने के लिए कम से कम लगभग 18 मीटर का टर्निंग रेडियस चाहिए होता है। जबकि इन मोड़ में केवल 12 मीटर ही दिया गया है।
वह भी तब जबकि सामने की तरफ से वाहन ना आ रहे हों। ऐसे में बड़े वाहन मुड़ते समय ही फंस जाएंगे। यहां पर रोड की चौड़ाई भी लगभग साढ़े 4 मीटर बढ़ानी पड़ेगी।
सिटी इंजीनियर अतुल सेठ ने बताया-

पीडब्ल्यूडी के अफसरों ने इसकी डिजाइन तैयार करने से पहले कोई ट्रैफिक सर्वे ही नहीं करवाया था। उन्होंने केवल गूगल मैप से लोकेशन निकाली और उसके आधार पर ही डिजाइन तैयार करके काम शुरू कर दिया।

लक्ष्मी बाई नगर रेलवे ओवर ब्रिज का काम अभी जारी है।
पीडब्ल्यूडी अफसरों ने प्लानिंग ही गलत की मंत्री विजयवर्गीय ने इसी दौरे में बाणगंगा रेलवे क्रॉसिंग पर बन रहे ओवर ब्रिज की डिजाइन भी देख ली। यहां पर भी अफसरों ने 90 डिग्री के मोड़ वाली डिजाइन तैयार कर रखी थी। एक्सपर्ट सेठ ने बताया कि इस ओवर ब्रिज को लेकर पीडब्ल्यूडी अफसरों ने प्लानिंग ही गलत की है।
यहां पर भी उन्होंने ट्रैफिक सर्वे करवाया ही नहीं गया है। इस ब्रिज का एक हिस्सा गौरी नगर तरफ जा रहा है तो दूसरा हिस्स सांवेर रोड़ की तरफ उतारा जा रहा है। यहां पर ही 90 डिग्री का मोड़ बन रहा है।

गौरी नगर तरफ उतार रहे, जहां ट्रैफिक ही नहीं दैनिक भास्कर से बात करते हुए अतुल सेठ ने बताया कि गौर नगर तरफ इस ब्रिज की एक भुजा को उतारा जा रहा है। जिसका कोई औचित्य ही नहीं है। इस ब्रिज से जाने वाले हैवी ट्रैफिक का बड़ा हिस्सा तो एमआर 4 से इंडस्ट्रियल सेक्टर तरफ जाता है।
भविष्य में इसी सड़क से एमआर 10 रोड पर बने आईएसबीटी को भी जोड़ा जा सकेगा। ऐसे में इस ब्रिज की भुजा को भी गौरीनगर की बजाय एमआर 4 पर ही उतारा जाए। मंत्री विजयवर्गीय ने अफसरों को दोबारा से प्लानिंग करने को लेकर कहा है।
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इंदौर में भी बन रहा Z डिजाइन वाला रेलवे ओवरब्रिज

इंदौर में जेड आकार का ब्रिज तैयार किया जा रहा है। इसमें 90 डिग्री के 2 मोड़ होंगे।
इंदौर के पोलो ग्राउंड पर लोक निर्माण विभाग (PWD) रेलवे ओवर ब्रिज (ROB) बना रहा है। भोपाल के ऐशबाग में बने 90 डिग्री ब्रिज के बाद इंदौर का ये ब्रिज भी चर्चा का विषय बन गया है। इसके जेड (Z) आकार के डिजाइन ने सभी को चौंका दिया है। पूरी खबर यहां पढ़ें…