इलेक्ट्रिसिटी कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल बिल्डिंग कोड पर होगा काम: पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को मिली ट्रेनिंग, नई परियोजनाओं की योजना इसके आधार पर बनेगी – Bhopal News

इलेक्ट्रिसिटी कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल बिल्डिंग कोड पर होगा काम:  पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को मिली ट्रेनिंग, नई परियोजनाओं की योजना इसके आधार पर बनेगी – Bhopal News



भोपाल के निर्माण भवन में ईसीएसबीसी की ट्रेनिंग पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को दी गई।

मध्यप्रदेश में लोक निर्माण विभाग द्वारा बनाए जाने वाले भवनों में अब ऊर्जा संरक्षण एवं सतत भवन संहिता (ECSBC) के प्रावधानों को अपनाया जाएगा। इस इलेक्ट्रिसिटी कंजर्वेशन एंड सस्टेनेबल बिल्डिंग कोड को लागू करने के लिए पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों को परियोजन

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भवन क्षेत्र में ऊर्जा दक्षता को बढ़ावा देने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को इस बारे में दो दिनों तक प्रशिक्षण दिया गया। लोक निर्माण विभाग के प्रमुख अभियंता ने ईसीएसबीसी संहिता के प्रावधानों पर चर्चा करते हुए अधिकारियों को निर्देशित किया कि वे आगामी सभी भवन परियोजनाओं में ईसीएसबीसी के प्रावधानों को अपनाने का प्रयास करें।

प्रशिक्षण में लोक निर्माण विभाग के मुख्य अभियंता (भवन), कार्यपालन यंत्री, सहायक यंत्री, उपयंत्री, वास्तुविद, परियोजना प्रतिवेदन अधिकारी एवं सामग्री परीक्षण अभियंता आदि ने भाग लिया। मुख्य प्रशिक्षक जेके व्यास ने ईसीएसबीसी की आवश्यकता, इसके लाभ और प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी।

वहीं राणा प्रताप पोद्दार ने ईसीएसबीसी के विभिन्न घटकों जैसे स्थल चयन एवं योजना, भवन आवरण, कम्फर्ट प्रणाली एवं नियंत्रण, अपशिष्ट प्रबंधन, जल प्रबंधन, आंतरिक पर्यावरण गुणवत्ता, प्रकाश व्यवस्था एवं नियंत्रण और ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा प्रणाली के बारे में बताया। इंजीनियरों को कम्प्लायंस मैकेनिज्म के विषय में व्यावहारिक जानकारी भी दी गई।

प्रशिक्षक राणा प्रताप पोद्दार ने ईको निवास संहिता एवं डिजाइन भवन सॉफ्टवेयर की सहायता से ऊर्जा एवं प्राकृतिक प्रकाश सिमुलेशन द्वारा कोड अनुपालन के तरीकों को समझाया। यह प्रशिक्षण कार्यक्रम प्रदेश में ऊर्जा दक्ष भवन निर्माण को बढ़ावा देने की दिशा में एक प्रयास है।

जानिए ईसीएसबीसी के बारे में

  • ऊर्जा संरक्षण एवं सतत भवन संहिता (ईसीएसबीसी) को ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा वर्ष 2024 में प्रस्तुत किया गया।
  • यह संहिता ऊर्जा संरक्षण अधिनियम 2001 के अंतर्गत तैयार की गई है। जिसके अनुसार, हर राज्य इसे अपनी क्षेत्रीय आवश्यकताओं एवं जलवायु परिस्थितियों के अनुरूप संशोधित कर लागू कर सकता है।
  • ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) द्वारा ईसीएसबीसी के दो कोड को प्रस्तुत किया गया।
  • ईसीएसबीसी वाणिज्यिक व्यवसायिक भवनों पर लागू होती है। ईसीएसबीसी आवासीय भवनों पर लागू होती है। जिसे ईको निवास संहिता (ईएनएस) कहा जाता है।



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