इस शिव मंदिर से जुड़ी भगवान राम की कहानी, मंदिर के पुजारी की जुबानी

इस शिव मंदिर से जुड़ी भगवान राम की कहानी, मंदिर के पुजारी की जुबानी


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Burhanpur News: श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां चार सोमवार आकर पूजन-अर्चन करते हैं, उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती हैं. जिसके बाद वे मंदिर परिसर में भंडारा आदि का आयोजन करवाते हैं…और पढ़ें

बुरहानपुर. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में आज भी कई पुराने जमाने के मंदिर, मस्जिद और गुरुद्वारे स्थित हैं. जिले के बोहरडा स्थित ताप्ती नदी के तट पर प्राचीन श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर है. इस मंदिर का इतिहास भगवान श्रीराम से जुड़ा है. मंदिर के पुजारी सदाशिव कदम लोकल 18 को बताते हैं कि श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर में भगवान श्रीराम ने शिवजी के दर्शन और पूजन किया था. उन्होंने अपने पिता राजा दशरथ का श्राद्ध भी यहीं किया था, इसलिए इस ताप्ती नदी के तट का महत्व और भी बढ़ जाता है.

उन्होंने कहा कि श्रद्धालु यहां पर स्नान-पूजन और शिवजी के दर्शन के लिए आते हैं. मंदिर की मान्यता है कि जो भी भक्त यहां पर संतान, विवाह और अच्छे व्यापार के लिए मन्नत मांगता है, उसकी मनोकामना जरूर पूरी होती है. कई भक्तों का विश्वास है कि चार सोमवार यहां आने से हर मुराद पूरी हो जाती है. मन्नत पूरी होने के बाद भक्त प्रसादी (भंडारा) का आयोजन करते हैं. इस मंदिर में मध्य प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और गुजरात से सबसे ज्यादा भक्त आते हैं. महाशिवरात्रि पर मेले का आयोजन होता है. श्रावण माह में भक्तों की रोजाना भीड़ लगती है.

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सावन मास में शिवालयों पर भक्तों की भीड़
बताते चलें कि मध्य प्रदेश के लगभग सभी जिलों में कई प्राचीन मंदिर हैं. इनमें शिवालयों की संख्या भी काफी है. सावन का महीना चल रहा है और ऐसे में हर मंदिर पर शिवभक्तों की भीड़ उमड़ रही है, खासकर सोमवार के दिन मंदिरों के बाहर श्रद्धालुओं की कतारें देखने को मिल रही हैं. सावन के पहले सोमवार को धर्मनगरी उज्जैन में महाकाल की सवारी निकली थी. महाकाल ने मनमहेश स्वरूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण किया था. बाबा के दर्शनों के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे थे. आगे भी सावन सोमवार पर उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी निकलेंगी.

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इस शिव मंदिर से जुड़ी भगवान राम की कहानी, मंदिर के पुजारी की जुबानी

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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