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Saanp Bhagane Ka Tarika: मध्य प्रदेश बालाघाट के किसान मानसून सीजन में सांप को गजब तरीके से भगाते हैं. इसमें न तो हिंसा की जरूरत होती है, न ही खतरा होता है..
हाइलाइट्स
- फटरंगा यंत्र से सांप-बिच्छू दूर भागते हैं
- बांस से बना फटरंगा खेतों में सुरक्षा देता है
- फटरंगा की आवाज से कीट-पतंगे भी दूर रहते हैं
मानव के विकास में बांस का काफी महत्व रहा है. जैसे-जैसे सभ्यता का विकास हुआ है, उसमें बांस का योगदान रहा है. बांस की छत बनाने से लेकर खेती-बाड़ी के यंत्र बनाने तक बांस का इस्तेमाल होता रहा है. फटरंगा बनाने के लिए बांस का इस्तेमाल किया जाता है. इसके लिए करीब चार फीट बांस का टुकड़ा इस्तेमाल किया जाता है. इसे नीचे से करीब 6 इंच एक साइड से काटा जाता है. वहीं, 2 फीट तक आरी की मदद से काटा जाता है. ऐसे में फटरंगा तैयार हो जाता है.
जानें इसके पीछे का विज्ञान
फटरंगा को इस तरह तैयार किया जाता है कि जब उसे लेकर चलें और वह जमीन से टकराए तो आवाज निकलती है. दरअसल, नीचे का भाग आधा कटा होता है, तो वह जमीन पर पटकने पर जम जाता है. वहीं, उसका आधा कटा हिस्सा थोड़ी देर के लिए दूसरे हिस्से से थोड़ा दूर हो जाता है. फिर ऊपर उठाने पर बांस के दोनों हिस्से टकराते हैं, जिससे फटाक की आवाज निकलती है. अब बांस अंदर से खोखला होता है, जिससे आवाज गूंजती है और दूर तक जाती है.
अनोखा ये यंत्र अब हो रहा विलुप्त
किसान भाई बताते हैं कि पहले की पीढ़ियां खेत जाते समय इसका इस्तेमाल करती थीं. लेकिन, आधुनिकता के साथ ये भी विलुप्त होते जा रहे हैं. बारिश के दिनों में खेतों में कई तरह के प्राणी विचरण करते हैं, जिनमें जहरीले सांपों से लेकर बिच्छू तक होते हैं. इनके काटने से किसान की मौत भी हो सकती है. ऐसे में किसान भाई जब फटरंगा लेकर जाते हैं, तो इसकी आवाज सुनकर जीव अपना रास्ता बदल लेते हैं या फिर सतर्क हो जाते हैं.