महाकाल महालोक में सुर-लय और भाव का संगम: तबला त्रिवेणी और भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति; श्रद्धालुओं ने लिया आनंद – Ujjain News

महाकाल महालोक में सुर-लय और भाव का संगम:  तबला त्रिवेणी और भरतनाट्यम की मनमोहक प्रस्तुति; श्रद्धालुओं ने लिया आनंद – Ujjain News


श्री महाकाल महालोक परिसर में श्रावण-भादौ मास के दौरान चल रही सांस्कृतिक संध्या की पांचवीं प्रस्तुति में कलाकारों ने अपनी कला का प्रदर्शन किया। यह कार्यक्रम प्रतिदिन शाम 6 से 8 बजे तक आयोजित किया जा रहा है।

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कार्यक्रम की शुरुआत तबला त्रिवेणी से हुई। कलाकार अरुण कुशवाह, वैभव भावसार और हर्ष यादव ने तीनताल 16 मात्रा में विलंबित लय प्रस्तुत की। उन्होंने पेशकार, कायदे-पालटे और मध्यलय में रौ, रेला, चलन की प्रस्तुति दी। फरमाइशी चक्करदार परण से इस प्रस्तुति का समापन हुआ।

भरतनाट्यम की प्रस्तुति गणेश स्तुति से प्रारंभ हुई। कलाकार गर्गी आचार्य ने ‘गाइए गणपति जगवंदन’ पर कथक प्रस्तुत किया। अदिति जोशी ने राग हंस ध्वनि में नटेश कौतुवम प्रस्तुत किया। इसमें शिव की विभिन्न मुद्राएं दर्शाई गईं। राधा-कृष्ण संवाद और रुद्राष्टकम की प्रस्तुति के बाद आदि शंकराचार्य अर्धनारीश्वर अष्टकम से कार्यक्रम का समापन हुआ। इस दौरान बड़ी संख्या में दर्शकों ने कलाकारों की प्रस्तुति का आनंद लिया।

महाकाल मंदिर के पुजारी राम शर्मा और कथावाचक पं. सुलभ शान्तु गुरु शर्मा ने दीप प्रज्जवलन किया। मंदिर समिति के उप प्रशासक एसएन सोनी और सिम्मी यादव ने कलाकारों को दुपट्टा, प्रसाद और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुदर्शन अयाचित ने किया।

भरतनाट्यम की प्रस्तुति गणेश स्तुति से शुरू हुई।

महाकाल मंदिर के पुजारी राम शर्मा और कथावाचक पं. सुलभ शान्तु गुरु शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलन किया। मंदिर समिति के उप प्रशासक एसएन सोनी और सिम्मी यादव ने कलाकारों को दुपट्टा, प्रसाद और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन सुदर्शन अयाचित ने किया।



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