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Sawan 2025: तैराकी के बाद वह नर्मदा नदी के दूसरे छोर पर जाकर शिवलिंग का जलाभिषेक करते थे. एक दिन जब वह जल अर्पित कर रहे थे, तब एक शिवलिंग नर्मदा का जल चढ़ाते ही जल पीता जा रहा था और फौरन सूखता भी जा रहा था. उसी…और पढ़ें
श्रद्धालु गुलाब गुप्ता ने लोकल 18 को बताया कि यह शिवलिंग नर्मदा का प्रसाद है. आज से करीब 55 साल पहले उन्हें यह शिवलिंग नर्मदा के जिलहरी घाट में मिला था. तब वह प्रतिदिन तैराकी करने जाया करते थे. तैराकी करने के बाद नर्मदा के दूसरे छोर पर जाकर शिवलिंग पर जल अर्पित करते थे. इसी दौरान एक दिन जब जल अर्पित कर रहे थे, तब एक शिवलिंग नर्मदा जल चढ़ाते ही जल पीता जा रहा था और तुरंत सूखता जा रहा था. उसी दिन भोलेनाथ पर अटूट विश्वास हुआ. यही महादेव का आशीर्वाद था.
श्रद्धालु बोले- विश्वास ही नहीं हो रहा है
शिवलिंग के जल पीने की खबरों के बीच इसे देखने पहुंचे श्रद्धालु ऋषभ दुबे ने लोकल 18 से कहा कि उन्हें विश्वास नहीं हो रहा है. वास्तव में भक्ति में ही शक्ति है. आज तक ऐसा नहीं देखा कि शिवलिंग पर जल अर्पित करते ही वह सारा जल ग्रहण कर ले रहा है. यह भोलेनाथ की महिमा है और किसी करिश्मे से कम नहीं है. नर्मदा के कण-कण में शंकर विराजमान हैं, जिसका साक्षात उदाहरण देखने को मिल रहा है. श्रद्धालु गुलाब गुप्ता के गोरखपुर में शारदा टॉकीज स्थित घर पर अब श्रद्धालुओं का तांता लग रहा है.
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