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Indian Railway- भारतीय रेलवे ने झांसी डिवीजन में डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया है. इससे मध्य प्रदेश, गुजरात और दक्षिण भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों की स्पीड बढ़ेगी और अधिक सुरक्षित सफर कराएंगी…और पढ़ें
तकनीक का दूसरे डिवीजन में भी किया जाएगा इस्तेमाल. सांकेतिक फोटो
हाइलाइट्स
- डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक का इस्तेमाल
- लोको पालयट को पहले ही मिलेंगे संकेत
- ट्रेनों की स्पीड कंट्रोल करने में मिलेगी मदद
उत्तर मध्य रेलवे के झांसी डिवीजन से गुजरने वाली ट्रेनों के लिए अच्छी खबर है. यहां पर डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक का इस्तेमाल किया गया है, जिसका कमीशनिंग काम पूरा हो गया है. यह महत्वपूर्ण काम मौजूदा सीमिंस-निर्मित पीआई (पैनल इंटरलॉकिंग) प्रणाली में आवश्यक बदलाव कर पूरा किया गया. अब नई तकनीक वाले सिग्नलों से ट्रेनों का ऑपरेशंस शुरू हो जाएगा.
इस तहत ट्रेनों की औसत स्पीड बढ़ेगी, अपने गंतव्य तक जल्दी पहुंच सकेंगी. इसके अलावा ट्रैक पर जरूरत पड़ने पर अतिरिक्त ट्रेनों को चलाया जा सकता है. जिससे यात्री अधिक सुरक्षित और बेहतर यात्रा कर सकें. रेलवे के अनुसार अन्य डिवीजनों में भी इस तरह की तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक यात्रियों को इसका लाभ मिल सके.