MP की ओर ट्रेन से जाने यात्रियों की बल्‍ले-बल्‍ले, कम समय में पहुंचेंगे घर

MP की ओर ट्रेन से जाने यात्रियों की बल्‍ले-बल्‍ले, कम समय में पहुंचेंगे घर


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Indian Railway- भारतीय रेलवे ने झांसी डिवीजन में डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक का इस्‍तेमाल किया है. इससे मध्‍य प्रदेश, गुजरात और दक्षिण भारत की ओर जाने वाली ट्रेनों की स्‍पीड बढ़ेगी और अधिक सुरक्षित सफर कराएंगी…और पढ़ें

तकनीक का दूसरे डिवीजन में भी किया जाएगा इस्‍तेमाल. सांकेतिक फोटो

हाइलाइट्स

  • डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक का इस्‍तेमाल
  • लोको पालयट को पहले ही मिलेंगे संकेत
  • ट्रेनों की स्‍पीड कंट्रोल करने में मिलेगी मदद
नई दिल्‍ली. मध्‍य प्रदेश, गुजराज और दक्षिण भारत की ओर ट्रेन से जाने वाले यात्रियो के लिए खुशखबरी है. उनका सफर अब आसान होने जा रहा है. वे कम समय में और अधिक सुरक्षित तरीके से अपनी यात्रा पूरी कर सकेंगे.भरतीय रेलवे ने झांडी डिवीजन में ट्रेनों की स्‍पीड को बेहतर ढंग से कंट्रोल करने के लिए सिग्‍नलिंग की नई तकनीक का इस्‍तेमाल किया है. खास बात यह है कि यह काम पूरा हो चुका है.

उत्‍तर मध्‍य रेलवे के झांसी डिवीजन से गुजरने वाली ट्रेनों के लिए अच्‍छी खबर है. यहां पर डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक का इस्‍तेमाल किया गया है, जिसका कमीशनिंग काम पूरा हो गया है. यह महत्वपूर्ण काम मौजूदा सीमिंस-निर्मित पीआई (पैनल इंटरलॉकिंग) प्रणाली में आवश्यक बदलाव कर पूरा किया गया. अब नई तकनीक वाले सिग्‍नलों से ट्रेनों का ऑपरेशंस शुरू हो जाएगा.

भारतीय रेलवे के अनुसार डबल डिस्टेंट सिग्नलिंग तकनीक लगाने का सबसे बड़ा फायदा लोको पायलटों को पहले से सिग्‍लन की स्पष्ट जानकारी मिल सकेगी, जिससे उन्हें ट्रेन की गति को कंट्रोल करने में मदद मिलेगी, इसके साथ ही सुरक्षित ट्रेन चलाने में मदद मिलेगी. हालांकि इस तकनीक से सभी ट्रेनों का फायदा मिलेगा, लेकिन सबसे ज्‍यादा फायदा हाई स्‍पीड ट्रेनों को मिलेगा. चूंकि इन ट्रेनों की स्‍पीड तेज होती है, पलक झपकते ही अगले सिग्‍नल तक पहुंच जाती है. लेकिन इस तकनीक वाले सिग्‍नल लोको पायलट को आगे के सिग्नलों के बारे में अतिरिक्त पूर्व सूचना देंगे. इस एडवांस सिग्नलिंग तकनीक से झांसी डिवीजन में रेल यातायात की सुरक्षा, संरक्षा और ऑपरेशन क्षमता में बढ़ेगी.

दूसरे डिवीजनों में भी होगा तकनीक का इस्‍तेमाल

इस तहत ट्रेनों की औसत स्‍पीड बढ़ेगी, अपने गंतव्‍य तक जल्‍दी पहुंच सकेंगी. इसके अलावा ट्रैक पर जरूरत पड़ने पर अतिरिक्‍त ट्रेनों को चलाया जा सकता है. जिससे यात्री अधिक सुरक्षित और बेहतर यात्रा कर सकें. रेलवे के अनुसार अन्‍य डिवीजनों में भी इस तरह की तकनीक का इस्‍तेमाल किया जाएगा, जिससे अधिक से अधिक यात्रियों को इसका लाभ मिल सके.

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