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Burhanpur Success Story: बुरहानपुर की सफाई कर्मचारी की बेटी दीपमाला जंगाले ने 88.5% अंक लाकर यूनिवर्सिटी में तीसरा स्थान पाया. जानिए कैसे संघर्ष से उसने बनाई कलेक्टर बनने की राह.
हाइलाइट्स
- दीपमाला जंगाले ने 88.5% अंक प्राप्त किए.
- दीपमाला का सपना कलेक्टर बनने का है.
- दीपमाला के पिता सफाई कर्मचारी हैं.
बेटी ने दी जानकारी
लोकल 18 की टीम ने जब शिकारपुरा क्षेत्र में रहने वाली बेटी दीपमाला सतीश जंगाले से बात की उसने बताया कि मेरे परिवार में सभी लोग पढ़े लिखे हैं. मेरे पिता सफाई कर्मचारी हैं वह कम पड़े हैं. लेकिन उनका सपना है कि मैं पढ़ लिखकर अच्छी अफसर बनू इसके लिए मैं भी प्रयास कर रही हूं. माता-पिता और मेरे गुरुजनों को मुझे भरपूर सहयोग मिलता रहता है. इसी की बदौलत मैने आज यह उपाधि हासिल की है देवी अहिल्या विश्वविद्यालय यूनिवर्सिटी में मेरा तीसरा स्थान लगा है और मेरी कॉलेज में मेरा प्रथम स्थान लगा है मैं सेवा सदन कॉलेज की बीकॉम कंप्यूटर की सेकंड ईयर की छात्रा हूं. अब मेरा सपना है कि मैं पढ़ाई लिखाई कर कलेक्टर बनू इसके लिए मैं लगातार प्रयास कर रही हूं.