नर्मदा के बीच बना ‘ॐ’! ओंकारेश्वर धाम जहां प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम होता है

नर्मदा के बीच बना ‘ॐ’! ओंकारेश्वर धाम जहां प्रकृति और अध्यात्म का अद्भुत संगम होता है


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Omkareshwar Mandir: एमपी के खंडवा जिले में स्थित ओंकारेश्वर तीर्थ ‘ॐ’ के आकार में बना द्वीप है. यह 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है और यहां प्राकृतिक चमत्कार व धार्मिक आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिलता है.

हाइलाइट्स

  • ओंकारेश्वर द्वीप नर्मदा नदी के बीच स्थित है.
  • द्वीप का ज्यामितीय रूप “ॐ” जैसा प्रतीत होता है.
  • ओंकारेश्वर मंदिर नागर शैली में बना है.

क्या आपने कभी नदी के बीच ‘ॐ’ के आकार में बने द्वीप को देखा है? अगर नहीं, तो आपको ओंकारेश्वर जरूर जाना चाहिए. मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित यह तीर्थस्थान न केवल 12 ज्योतिर्लिंगों में एक है, बल्कि इसका प्राकृतिक स्वरूप भी लोगों को चौंका देता है.

नर्मदा नदी के प्रवाह में बना यह द्वीप ‘ॐ’ आकार का है, जो धार्मिक और भौगोलिक दोनों दृष्टियों से बेहद महत्वपूर्ण है. इसे मंडहाटा या शिवपुरी के नाम से भी जाना जाता है.

पौराणिक कहानियों से जुड़ा है ‘ॐ’ का रहस्य

मान्यता है कि यहीं पर भगवान शिव ने देवताओं की तपस्या से प्रसन्न होकर ‘ॐ’ रूप में प्रकट होकर ज्योतिर्लिंग की स्थापना की. एक कथा के अनुसार, राजा मंधाता की कठोर साधना के कारण उन्हें शिव ने यह वरदान दिया था.

मंदिर की भव्यता भी करती है आकर्षित

ओंकारेश्वर मंदिर नागर शैली में बना है, जिसमें गर्भगृह में स्वयंभू शिवलिंग है. वहीं नर्मदा तट पर स्थित मामलेश्वर मंदिर को भी ओंकारेश्वर का ही दूसरा स्वरूप माना जाता है.

सावन में भक्तों की भारी भीड़

श्रावण मास और महाशिवरात्रि पर यहां लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं. शाम की आरती, दीपों की श्रृंखला और मंत्रोच्चारण का दृश्य हर किसी को आध्यात्मिक अनुभव से भर देता है.

प्राकृतिक और ऐतिहासिक महत्व

यह द्वीप सतपुड़ा और विंध्याचल की पर्वतमालाओं के बीच स्थित है. यहां की हरियाली, नर्मदा की धारा और शांत वातावरण इसे प्रकृति का एक अनोखा चमत्कार बनाते हैं. इसका इतिहास परमार और होल्कर वंश से जुड़ा है और वर्तमान में ASI इसकी देखरेख करता है.

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