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हरदा में शनिवार को पुलिस लाठीचार्ज के विरोध में सर्व समाज और राजपूत समाज के आह्वान पर जिलेभर में पूर्ण बंद रहा. शहर की सड़कों पर सन्नाटा पसरा रहा, जबकि तस्वीरों में आक्रोश साफ नजर आया. दुकानों के शटर बंद थे, बाजार सुनसान और हर चेहरे पर रोष झलक रहा था. बंद के दौरान घण्टाघर, नारायण टॉकीज चौराहा, बस स्टैंड, टिमरनी और खिरकिया जैसे प्रमुख क्षेत्रों में व्यापार ठप रहा. दोपहर में राजपूत छात्रावास से निकली ‘न्याय यात्रा’ में हज़ारों लोग शामिल हुए, जिनमें महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग और किन्नर समाज के सदस्य भी नजर आए. लोगों ने हाथों में काली पट्टी बांधकर पुलिस की बर्बरता का विरोध किया. 12 जुलाई को करणी सेना परिवार के जिला अध्यक्ष और कार्यकर्ताओं पर हुई पुलिस कार्रवाई के विरोध में ये बंद आयोजित किया गया था. पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह पहले ही न्यायिक जांच की मांग कर चुके हैं. समाज की एकजुटता और बढ़ते जनदबाव ने पुलिस और जिला प्रशासन के सामने सवाल खड़े कर दिए हैं. रिपोर्ट प्रवीण तंवर
हरदा में राजपूत और सर्व समाज की न्याय यात्रा प्रमुख मार्गों से होकर गुजरी.

हरदा में राजपूत छात्रावास की बैठक में पुलिस के जुल्म के खिलाफ न्याय की मांग की गई.

हरदा के नेहरू स्टेडियम क्षेत्र में पूरी तरह दुकानें बंद रहीं.

हरदा बंद के बीच यूरिया के लिए किसानो की भीड़ लगी रही.

बस स्टेंड हरदा बंद रहा. आम दिनों में यहां चहल-पहल रहती है.

नारायण टाकीज चौराहा हरदा पर सन्नाटा पसरा रहा.

हरदा के मुस्लिम क्षेत्र फरहत सराय में बंद सफल रहा.

हरदा में पुलिस ने जिस तरह से निर्दोष लोगों को पीटा, उसका दर्द और गुस्सा साफ झलक रहा था.

हरदा के घंटाघर बाजार से रौनक गायब रही.

हरदा के बाजारों में कारोबारियों ने बंद को समर्थन दिया.

न्याय यात्रा में महिला, पुरुष और किन्नर शामिल हुए और दर्द साझा किया.

हरदा में बंद के दौरान नया बाजार इस हाल में था.

बीजेपी कार्यालय चौराहा हरदा के आसपास शांति बनी रही.