एम्स भोपाल ने कैंसर से जंग जीत चुके बच्चों के लिए एक नई पहल की है। संस्थान में एसीटी क्लिनिक (आफ्टर कम्प्लीशन ऑफ थेरेपी) और एक रंग-बिरंगा प्लेरूम शुरू किया गया है। क्लिनिक का उद्देश्य इलाज के बाद भी बच्चों के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य की देखभाल कर
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इन चुनौतियों से निपटने के लिए एसीटी क्लिनिक में विशेषज्ञों की बहुविषयक टीम बनाई गई है। इसमें पीडियाट्रिक ऑन्कोलॉजिस्ट, एंडोक्रिनोलॉजिस्ट, कार्डियोलॉजिस्ट, न्यूरो-डेवलपमेंट एक्सपर्ट, साइको-ऑन्कोलॉजिस्ट, न्यूट्रिशनिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट, सोशल वर्कर और शिक्षक शामिल हैं। इन सभी का समन्वय एनाटॉमी विभाग करेगा।
क्लिनिक के साथ ही बच्चों के लिए एक अत्याधुनिक प्लेरूम भी तैयार किया गया है। इसे कैनकिड्स-किडस्कैन संस्था की मदद से बनाया गया है। इसका उद्देश्य बच्चों की मानसिक थकान को कम करना और उन्हें इलाज की कठिन प्रक्रिया से राहत देना है। यहां बच्चे खेल-खेल में फिर से खुश रहना सीखेंगे।
मप्र में पहली बहुविषयक क्लिनिक
एम्स भोपाल के निदेशक प्रो. डॉ. अजय सिंह ने कहा, इलाज सिर्फ शरीर का नहीं होता, यह आत्मा को सुकून देने और जिंदगी में दोबारा रंग भरने की प्रक्रिया है। एसीटी क्लिनिक और प्लेरूम हमारे उन्हीं प्रयासों का हिस्सा हैं। हम चाहते हैं कि ये बच्चे सिर्फ कैंसर को हराएं ही नहीं, बल्कि संपूर्ण रूप से जीवन में आगे बढ़ें।
मध्यप्रदेश में इस तरह की बहुविषयक क्लिनिक पहली बार एम्स भोपाल में शुरू हुई है। अब कैंसर से उबर चुके बच्चे इलाज के बाद भी विशेषज्ञों की निगरानी में रहेंगे। प्लेरूम की मदद से उनकी भावनात्मक रिकवरी भी सुनिश्चित की जाएगी।