नेटवर्क समस्या के कारण टीचर्स को ई- अटेंडेंस में परेशानी हो रही है।
बालाघाट जिले में सिर्फ 3-4 प्रतिशत शिक्षक ही ई-अटेंडेंस लगा रहे हैं। लोक शिक्षण संचालनालय ने नियमित शिक्षकों के लिए 20 जून और अतिथि शिक्षकों के लिए 15 जुलाई से ई-अटेंडेंस अनिवार्य की थी।
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बावजूद इसके आदेश का पूरी तरह से पालन नहीं हो पा रहा है। शिक्षकों का कहना है कि ई-अटेंडेंस में नेटवर्क की समस्या मुख्य कारण है।
नेटवर्क की समस्या उपस्थिति दर्ज नहीं हो रही
लेंडेझरी संदीपनी स्कूल के टीचर लोकेश राहंगडाले ने बताया कि ऐप और नेटवर्क की समस्या के कारण मैं उपस्थिति दर्ज नहीं कर पा रहा हूं। उमरदोनी प्राथमिक स्कूल के शिक्षक सूरजलाल क्षीरसागर ने भी नेटवर्क की समस्या की बात कही।
बायोमेट्रिक प्रणाली का इस्तेमाल किया जाए
आजाद अध्यापक संघ के अध्यक्ष आशीष बिसेन ने बताया कि बालाघाट आदिवासी क्षेत्र में दूरस्थ इलाकों में मोबाइल नेटवर्क की पहुंच नहीं है। उन्होंने ई-अटेंडेंस को व्यवहारिक रूप से अनुपयुक्त बताते हुए इसे शिक्षकों पर अविश्वास जताने वाला कदम करार दिया। उनका सुझाव है कि सरकार बायोमेट्रिक प्रणाली से उपस्थिति दर्ज करवाए।
प्राइमरी स्कूल उमरदौनी में भी टीचर्स ई-अटेंडेंस दर्ज नहीं कर पा रहे हैं।
नई व्यवस्था के खिलाफ टीचर्स कर चुके प्रदर्शन
अध्यापकों और अतिथि शिक्षकों ने ई-अटेंडेंस व्यवस्था को समाप्त करने की मांग को लेकर प्रदर्शन भी किया है। अतिथि शिक्षक भी आवश्यक सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए इस व्यवस्था का विरोध कर रहे हैं।

टीचर्स को स्कूल के बाहर जाकर कई बार ई-अटेंडेंस दर्ज कराने प्रयास करने पड़ते हैं।
जिला शिक्षा अधिकारी अश्विनी उपाध्याय ने बताया कि कड़े निर्देश जारी करने के बावजूद शिक्षक इस व्यवस्था का पालन नहीं कर रहे हैं।