बैल-हल को कहें अलविदा! मात्र ₹25,000 में खरीदें जुताई और खरपतवार हटाने वाली ये मशीन, बचाएगी समय व पैसा

बैल-हल को कहें अलविदा! मात्र ₹25,000 में खरीदें जुताई और खरपतवार हटाने वाली ये मशीन, बचाएगी समय व पैसा


सतना. खेती किसानी के क्षेत्र में समय के साथ तकनीक ने अपने पांव जमा लिए हैं. कभी खेतों में बैल और हल की मदद से बोनी और जुताई होती थी, लेकिन आज के युग में ट्रैक्टर और मशीनों ने इस काम को आसान और तेज़ बना दिया है. हालांकि आज भी बहुत से छोटे किसान ऐसे हैं, जिनके पास ट्रैक्टर खरीदने की आर्थिक क्षमता नहीं है या जिनकी ज़मीन इतनी छोटी है कि ट्रैक्टर वहां काम नहीं कर सकता. ऐसे किसानों के लिए पॉवर वीडर मशीन किसी वरदान से कम नहीं है.

छोटे किसानों के लिए बड़ी मदद बना पॉवर वीडर
संभागीय कृषि अभियांत्रिकी अधिकारी शरद कुमार नारवरे ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वर्तमान में बोनी का सीजन चल रहा है लेकिन बोनी के बाद सबसे बड़ी समस्या होती है खरपतवार. ये अवांछित घासें बोई गई फसल के साथ प्रतिस्पर्धा करती हैं. जो खाद, पानी और पोषक तत्व फसलों के लिए डाले जाते हैं. वे खरपतवार भी ले जाते हैं जिससे फसल की उत्पादकता पर नकारात्मक असर पड़ता है.

खरपतवार नियंत्रण के पारंपरिक और आधुनिक तरीके
खरपतवार नियंत्रण के दो मुख्य तरीके हैं, एक रासायनिक और दूसरा यांत्रिक का, रासायनिक तरीकों में खरपतवारनाशक दवाओं का उपयोग किया जाता है, जबकि यांत्रिक पद्धति में हसिया, खुरपी आदि से खरपतवार को हटाया जाता है. लेकिन ये तरीका समय, श्रम और धन तीनों में भारी पड़ता है. ऐसे में किसानों को ऐसी मशीन की ज़रूरत थी जो कम समय में कम श्रम के साथ ज़्यादा काम कर सके यही ज़रूरत पूरी करता है पॉवर वीडर.

पॉवर वीडर के प्रकार और काम करने का तरीका
पॉवर वीडर दो प्रकार में आता है एक तो राइड ऑन और दूसरा वॉक बिहाइंड. राइड ऑन मॉडल में किसान मशीन पर बैठकर उसे चलाता है जबकि वॉक बिहाइंड मॉडल में मशीन आगे चलती है और किसान पीछे से उसे नियंत्रित करता है. इस मशीन की खासियत यह है कि यह खेत की मिट्टी को भुरभुरी बना देती है जिससे पौधों की जड़ों को फैलने का बेहतर वातावरण मिलता है. साथ ही मिट्टी में हवा का संचार बना रहता है जिससे पौधों को पर्याप्त एरिएशन भी मिलता है.

समय, श्रम और पैसे तीनों में होती है बचत
पॉवर वीडर 5 एचपी से 12 एचपी तक के तीन आकारों में उपलब्ध होते है. 5 एचपी की मशीन से किसान प्रति घंटे आधा एकड़ से दो एकड़ क्षेत्र की खरपतवार निकाल सकते हैं. कीमत की बात करें तो यह मशीन ₹25,000 से ₹1,00,000 तक में मिलती है. हालांकि इतनी बड़ी राशि एक बार में खर्च करना हर किसान के लिए संभव नहीं इसलिए सरकार द्वारा इस पर सब्सिडी की भी व्यवस्था की गई है.

सब्सिडी और आवेदन की प्रक्रिया
सरकार 40% केंद्र और 10% राज्य की मदद से कुल 50% तक की सब्सिडी देती है. इस सब्सिडी के लिए किसान को mpdeg.org पर जाकर ई-कृषि अनुदान पोर्टल पर आवेदन करना होता है. आवेदन के लिए आधार कार्ड, पैन कार्ड, बी-1, और आधार से लिंक मोबाइल नंबर की आवश्यकता होती है. यह अनुदान एसएमएएम योजना के अंतर्गत दिया जाता है. पोर्टल पर किसान यह भी देख सकता है कि यह मशीन किस-किस डीलर के पास उपलब्ध है उसकी कीमत क्या है और कितनी सब्सिडी मिल रही है.

बागवानी और हल्की जुताई में भी सहायक
पॉवर वीडर न केवल फसली खेतों में उपयोगी है बल्कि बागवानी के क्षेत्र में भी इसका बेहतरीन उपयोग हो सकता है. बड़े पेड़ों के बीच की जो ज़मीन खाली रहती है वहां अक्सर अनवांछित घास उग आती है जिसे हटाना मुश्किल होता है, इसके अलावा किसान इससे हल्की जुताई का काम भी आसानी से कर सकते हैं.



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