भोपाल की बेटी नितिशा त्रिवेदी बनीं नेवी अफसर: 5 बार असफलता के बाद भी नहीं मानी हार, छठवें प्रयास में मिली सफलता – Bhopal News

भोपाल की बेटी नितिशा त्रिवेदी बनीं नेवी अफसर:  5 बार असफलता के बाद भी नहीं मानी हार, छठवें प्रयास में मिली सफलता – Bhopal News


नितिशा त्रिवेदी का चयन सब लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है।

भोपाल निवासी और विदिशा की बेटी नितिशा त्रिवेदी का भारतीय नौसेना में सब लेफ्टिनेंट पद पर चयन हुआ है। शुक्रवार-शनिवार रात नेवल हेडक्वार्टर डीएमपीआर से जारी हुए चयन आदेश के साथ ही नितिशा का संघर्षमयी सफर सफलता में तब्दील हो गया।

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यह केवल एक नियुक्ति नहीं, बल्कि उस जिद, जज्बे और जुनून की कहानी है जिसमें एक बेटी ने पांच बार असफल होने के बावजूद हार नहीं मानी और छठवें प्रयास में वह मुकाम हासिल किया, जिसके लिए देशभर के हजारों युवा प्रयास करते हैं।

नितिशा ने इसी वर्ष 15 फरवरी को कोलकाता स्थित सर्विस सिलेक्शन बोर्ड (SSB) से भारतीय नौसेना में रिकमेंडेशन प्राप्त किया था। इसके बाद 18 जुलाई को नेवल हेडक्वार्टर से उनका चयन आदेश जारी हुआ। यह उनकी मेहनत, आत्मविश्वास और देशसेवा के प्रति समर्पण का प्रमाण है।

NCC से मिली सैन्य जीवन की प्रेरणा नितिशा का यह सफर NCC से शुरू हुआ। उन्होंने न केवल ‘सी’ प्रमाणपत्र प्राप्त किया, बल्कि भारतीय नौसेना अकादमी (INA) में आयोजित एनसीसी कैंप में देशभर से बेस्ट कैडेट अवॉर्ड भी जीता। वह कहती हैं कि यहीं से उन्हें सशस्त्र बल में जाने की प्रेरणा मिली। एनसीसी में मिले अनुशासन, देशसेवा की भावना और नेतृत्व कौशल ने उनके भीतर वह बीज बोया।

रिजल्ट आने के बाद परिजनों ने नितिशा को बधाईयां दी।

नितिशा की शिक्षा

  • नितिशा की प्रारंभिक शिक्षा वात्सल्य सीनियर सेकेंडरी स्कूल, विदिशा से हुई।
  • इसके बाद उन्होंने एसएटीआई पॉलिटेक्निक कॉलेज से कंप्यूटर साइंस में डिप्लोमा किया।
  • फिर यूआईटी-आरजीपीवी से बी.टेक (आईटी) किया।
  • उन्होंने पुणे की हार्मन कनेक्टेड सर्विसेज में दो साल तक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य कर व्यावसायिक अनुभव भी प्राप्त किया।

परिवार बना ताकत नितिशा त्रिवेदी दैनिक भास्कर विदिशा के ब्यूरो चीफ अरुण त्रिवेदी की बेटी हैं। उनकी मां रत्ना त्रिवेदी गृहिणी हैं और वे भोपाल के वार्ड क्रमांक 37, राजेन्द्र नगर कॉलोनी की निवासी हैं। नितिशा अपने हर कदम पर अपने माता-पिता और बड़े भाई निखिल त्रिवेदी का आभार जताती हैं। उनका कहना है कि परिवार ने हमेशा विश्वास जताया, चाहे परिणाम कुछ भी हो।



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