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भोपाल में क्राइम ब्रांच ने दो ऐसे आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जो क्लब पार्टियों में एमडी ड्रग्स का नशा कराकर लड़कियों का शोषण करते थे. आरोपियों के पास से 15.14 ग्राम एमडी पाउडर, एक स्कूटी और मोबाइल जब्त किया …और पढ़ें
हाइलाइट्स
- भोपाल क्राइम ब्रांच को मिली बड़ी सफलता.
- 2 तस्करों को एमडी पाउडर समेत किया अरेस्ट.
- ड्रग तस्कर सैफुद्दीन पर था 5000 रुपए का इनाम.
भोपाल. हाई-प्रोफाइल क्लबों में चल रहे नशे और शोषण के गंदे खेल का खुलासा हुआ है. क्राइम ब्रांच पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है जो क्लब पार्टियों में लड़कियों को एमडी ड्रग्स (मेथ) का नशा कराकर उनका शोषण करते थे. पकड़े गए आरोपियों के पास से 15.14 ग्राम एमडी पाउडर, एक स्कूटी और एक मोबाइल फोन जब्त किया गया है, जिसकी कुल कीमत लगभग तीन लाख रुपए आंकी गई है. मुख्य आरोपी सैफुद्दीन थाना क्राइम ब्रांच के एक पुराने मामले में फरार चल रहा था, जिस पर ₹5000 का इनाम भी घोषित था. पुलिस ने NDPS एक्ट की धारा 8/21 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और तस्करी नेटवर्क से जुड़े अन्य आरोपियों की तलाश जारी है.
जांच में सामने आया है कि ये आरोपी युवाओं को फिटनेस और पार्टी के नाम पर जोड़ते थे. जिम में वजन घटाने के नाम पर एमडी को फायदेमंद बताया जाता और पार्टी में शामिल होने के लिए ऊंची नौकरी और आकर्षक वेतन का झांसा दिया जाता. शुरुआत में मुफ्त में दिया जाने वाला महंगा नशा धीरे-धीरे युवाओं को इसकी लत का शिकार बना देता. इसके बाद उन्हें चैन मार्केटिंग की तरह नए युवाओं को जोड़ने के लिए मजबूर किया जाता, ताकि उनका खुद का नशे का खर्च निकल सके.
लड़कियों को खासतौर पर निशाना बनाया जाता था. उन्हें मुफ्त में नशा दिया जाता और फिर पार्टी के आकर्षण के नाम पर इस्तेमाल किया जाता. यही नहीं, कुछ मामलों में डिप्रेशन के मरीजों को इलाज के नाम पर गुमराह किया गया. पुलिस की नजर अब शहर के क्लबों पर है, और यदि किसी क्लब संचालक या मैनेजर की संलिप्तता पाई गई तो उनके लाइसेंस निरस्त किए जाएंगे.
तेज ऊर्जा, उत्तेजना और कृत्रिम खुशी का अनुभव
एमडी ड्रग, जिसे वैज्ञानिक रूप से मेथामफेटामाइन या “मेथ” कहा जाता है, एक सिंथेटिक नशीला पदार्थ है जो केंद्रीय तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित करता है. इसे आमतौर पर पार्टी ड्रग के रूप में प्रयोग किया जाता है और नशे की दुनिया में इसे “क्रिस्टल”, “आइस” या “एमडी” के नाम से जाना जाता है. यह नशा तुरंत तेज ऊर्जा, उत्तेजना और कृत्रिम खुशी का अनुभव देता है, लेकिन इसके साइड इफेक्ट खतरनाक होते हैं—जैसे कि मानसिक असंतुलन, अवसाद, नींद की कमी और लत लग जाना. भारत में यह NDPS एक्ट के तहत प्रतिबंधित है और इसकी तस्करी गंभीर अपराध है.
20 साल तक की सजा और लाखों रुपये का जुर्माना
NDPS (Narcotic Drugs and Psychotropic Substances) Act, 1985 भारत में नशीले पदार्थों की उत्पादन, बिक्री, तस्करी और सेवन पर रोक लगाने वाला कानून है. यह कानून मादक दवाओं और मनःप्रभावी पदार्थों से जुड़ी सभी गतिविधियों को गंभीर अपराध मानता है और इसके तहत सख्त सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इस एक्ट के तहत बिना लाइसेंस किसी भी नशीले पदार्थ की खरीद-फरोख्त, संग्रहण या उपयोग अवैध है. दोषी पाए जाने पर 10 से 20 साल तक की सजा और लाखों रुपये का जुर्माना हो सकता है. इसका उद्देश्य समाज को ड्रग्स मुक्त और सुरक्षित बनाना है.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें