24 जुलाई को बन रहे हैं 3 शुभ योग! हरियाली अमावस्या पर जरूर करें ये काम, जानें Hariyali Amavasya kab hai

24 जुलाई को बन रहे हैं 3 शुभ योग! हरियाली अमावस्या पर जरूर करें ये काम, जानें Hariyali Amavasya kab hai


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Hariyali Amavasya 2025: हरियाली अमावस्या इस वर्ष 24 जुलाई 2025 को मनाई जाएगी. यह पर्व पितरों की शांति और प्रकृति के प्रति आभार प्रकट करने का दिन है.

हाइलाइट्स

  • शिव आराधना और पुण्य लाभ का संगम
  • इस दिन के दुर्लभ योग और महत्व
  • दान और शिव पूजन से जीवन में पापों से मुक्ति
उज्जैन. हिंदू धर्म में हर तिथि हर वार का महत्व शास्त्रों मे बताया गया है. अभी सावन का महीना चल रहा है. यह महीना भगवान शिव को समर्पित होता है और इस दौरान पड़ने वाले हर पर्व का विशेष महत्व होता है. इन्हीं महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है हरियाली अमावस्या, जिसे श्रावण अमावस्या या सावन अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है. यह दिन प्रकृति के प्रति आभार व्यक्त करने और पितरों का तर्पण करने के लिए बेहद खास माना जाता है. लेकिन इस साल, हरियाली अमावस्या की तिथि को लेकर असमंजस वाली स्थिति देखने को बन रही है. आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते है, सही तिथि और इसका महत्व.

कब मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल हरियाली अमावस्या की तिथि का प्रारंभ 24 जुलाई 2025 को रात 2 बजकर 28 मिनट पर होगा और इस तिथि का समापन 25 जुलाई 2025 को दोपहर 12 बजकर 40 मिनट पर होगा. ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, इस साल हरियाली अमावस्या का पर्व 24 जुलाई को मनाया जाएगा.

कई शुभ सयोंग मे मनाई जाएगी हरियाली अमावस्या?
सावन माह की अमावस्या के दिन काफ़ी शुभ सयोंग का निर्माण हो रहा है. इस दिन 3 शुभ योगों का निर्माण होने वाला है. हरियाली अमावस्या पर गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग और सर्वार्थ सिद्धि योग बनेंगे. उस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग पूरे दिन रहेगा. इस योग में किए गए कार्य सफल होंते है. इसलिए इस दिन का महत्व और बढ़ जाता है.

सावन अमावस्या को हरियाली अमावस्या क्यों कहते हैं?
भगवान शिव के पिर्य सावन माह में बारिश होने की वजह से पूरी धरती हरी-भरी दिखाई देती है. बारिश के कारण पेड़ और पौधों का विकास तेजी से होता है. यह समय पौधे लगाने के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस समय में पौधों के सही से लगने की संभावना सबसे अधिक होती है. इस वजह से हरियाली अमावस्या पर लोग पौध रोपण करते हैं. इस अमावस्या पर हरियाली होने की वजह से इसे हरियाली अमावस्या कहा जाता है.

हरियाली अमावस्या का महत्व?
धार्मिक ग्रंथों और पुराणों में उल्लेख है कि श्रावण मास में किया गया दान, स्नान, जप, तप और शिव आराधना अक्षय पुण्य प्रदान करती है. विशेष रूप से हरियाली अमावस्या के दिन किया गया व्रत, तर्पण और पूजन पितरों की शांति के साथ-साथ व्यक्ति को पूर्व जन्मों और वर्तमान जीवन में अनजाने में किए गए पापों से मुक्ति दिलाता है. साथ ही, इससे जीवन में सुख, शांति और समृद्धि का आगमन होता है

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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24 जुलाई को बन रहे हैं 3 शुभ योग! हरियाली अमावस्या पर जरूर करें ये काम

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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