35 की औसत वाले राहुल विदेश में हमारे सबसे भरोसेमंद: करियर के 10 में से 9 शतक विदेश में; इंग्लैंड सीरीज में 62.50 का एवरेज

35 की औसत वाले राहुल विदेश में हमारे सबसे भरोसेमंद:  करियर के 10 में से 9 शतक विदेश में; इंग्लैंड सीरीज में 62.50 का एवरेज


42 मिनट पहले

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साल 2014 में टेस्ट डेब्यू के बाद से राहुल ने 61 मैच खेले हैं। लेकिन इनमें से केवल 20 ही उन्होंने भारत में खेले।

इंग्लैंड के खिलाफ जारी पांच मैचों की टेस्ट सीरीज में भारतीय टीम के अनुभवी ओपनर केएल राहुल ने अपनी टेक्निक से सभी को खूब प्रभावित किया है। सीरीज में खेली लगभग हर एक पारी में नई गेंद के सामने राहुल दीवार बनकर खड़े हुए हैं। यही वजह रही है कि भारतीय टीम के मध्यक्रम ने मौजूदा सीरीज में शानदार प्रदर्शन किया है।

राहुल सीरीज की 6 पारियों में 62.50 की औसत से 375 रन बना चुके हैं। वह सीरीज में सर्वाधिक रन बनाने वाले छह बैटर्स में इकलौते टॉप-3 में बैटिंग करने वाले खिलाड़ी हैं। यह केवल इस सीरीज की बात नहीं है। 33 साल के राहुल हालिया वर्षों में विदेश में भारत के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज रहे हैं। इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके टेस्ट करियर की 10 में से 9 सेंचुरी विदेशी जमीन पर हैं।

हालांकि, मौजूदा समय में भारतीय बल्लेबाजी की रीढ़ माने जाने वाले राहुल का करियर औसत सिर्फ 35.26 का है, जो उनके प्रदर्शन से बिल्कुल भी मेल नहीं खाता है। मौजूदा समय में टॉप-6 भारतीय बैटर्स में राहुल का औसत सबसे कम है। हालांकि, केवल औसत से उनके योगदान का अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल होगा क्योंकि उनका बल्ला ऐसे मैचों में चलता है, जहां अधिकांश बैटर्स फेल हो जाते हैं।

यही वजह है कि बेहद सामान्य करियर औसत के बावजूद वह टीम के सबसे भरोसेमंद बल्लेबाज हैं। लेकिन इस बीच यह समझना भी जरूरी हो जाता है कि आखिरी एक दशक से भी ज्यादा समय से भारत के लिए खेल रहे राहुल का औसत इतना कम क्यों है? आइए इसके कारणों के बारे में जानते है…

घरेलू मैदान की तुलना में विदेश में ज्यादा मैच साल 2014 में टेस्ट डेब्यू के बाद से राहुल ने 61 मैच खेले हैं। लेकिन इनमें से केवल 20 ही उन्होंने भारत में खेले। अन्य बैटर्स घरेलू परिस्थितियों में रनों का अंबार लगाते हैं, लेकिन उन्होंने 32 पारियों में 39.62 की औसत से सिर्फ 1149 रन बनाए हैं। इस दौरान उनके बल्ले से केवल एक शतक निकला है। वहीं, विदेश में खेले 41 मैचों में 2483 रन स्कोर किए हैं।

बड़ी टीमों के खिलाफ ज्यादा बेहतर प्रदर्शन राहुल ने ज्यादातर रन बड़ी टीमों यानी इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया और द. अफ्रीका के खिलाफ बनाए हैं। उन्होंने इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ 16-16 टेस्ट में क्रमश: 1330 रन और 894 रन बनाए हैं। इसके विपरीत वेस्ट इंडीज (374), श्रीलंका (354), बांग्लादेश (175) और अफगानिस्तान (54) जैसी कमजोर टीमों के खिलाफ उनके बेहद कम रन हैं।

कन्वर्जन रेट कम, 2 बार 150+ स्कोर राहुल का अर्धशतक को शतक में बदलने का रेट कम है। करियर में 18 अर्धशतक और 10 शतक हैं। साल 2017 में ऑस्ट्रेलिया व श्रीलंका के खिलाफ रिकॉर्ड लगातार 7 अर्धशतक को शतक में तब्दील नहीं कर पाए थे। करियर में एक भी दोहरा शतक नहीं है। केवल दो बार ही राहुल डेढ़ सौ का आंकड़ा पार कर सके हैं। इस सीरीज में भी अपनी दोनों शतकीय पारियों को वो बड़ा नहीं कर सके हैं।

खराब फॉर्म और चोट के चलते टीम के अंदर-बाहर होते रहे राहुल का ज्यादा मैच नहीं खेल पाना और खराब फॉर्म सहित चोटों के कारण लगातार टीम से अंदर बाहर होते रहना भी कम औसत का बड़ा कारण रहा है। राहुल के डेब्यू के बाद से पिछले 10 में से 5 साल में भारतीय टीम ने 10 से ज्यादा मैच खेले हैं। लेकिन राहुल ने अपने करियर में केवल एक ही बार साल में 10 से ज्यादा टेस्ट खेले। इस दौरान खराब फॉर्म और चोट के चलते कई मुकाबले मिस किए।

रोहित-विराट के संन्यास लेने से राहुल को पहली बार टीम के प्रमुख बैटर का जिम्मा मिला विराट-रोहित के संन्यास लेने से राहुल को पहली बार टीम के प्रमुख बैटर का जिम्मा मिलाराहुल करियर में टीम के दूसरे या तीसरे प्रमुख बैटर के रूप में खेलते रहे हैं। कोहली और रोहित जैसे दिग्गज बल्लेबाजों के बीच राहुल अपनी क्षमता के अनुकूल प्रदर्शन नहीं कर सके। लेकिन दोनों दिग्गजों के संन्यास के बाद अब राहुल टीम के प्रमुख और सबसे अनुभवी बैटर हैं। राहुल ने भी इस जिम्मेदारी को मौजूदा सीरीज में बखूबी निभाया है। उन्होंने अपने करियर में पहली बार किसी सीरीज में एक से अधिक शतक लगाए हैं।

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