4 फीट लम्बाई… 400 किलो वजनी, अनोखी है शिवलिंग वाली ये तोप, महादेव को देखकर सैनिक भेदते थे लक्ष्य, रोचक है इतिहास

4 फीट लम्बाई… 400 किलो वजनी, अनोखी है शिवलिंग वाली ये तोप, महादेव को देखकर सैनिक भेदते थे लक्ष्य, रोचक है इतिहास


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shivling cannon jabalpur: संग्रहालय में रखी ये तोप महज 4 फीट की है. लेकिन इसका वजन करीब 400 किलो है, जो कांसे से बनाई गई है. यह तोप राजा गज सिंह की है.

मध्य प्रदेश के जबलपुर के संग्रहालय में ऐसी तोप रखी हुई है. जिसे देखकर आज भी जवान हो या फिर आम नागरिक जोश से भर जाता है. क्योंकि यह कोई आम तोप नहीं है. दरअसल, जब दुश्मन के छक्के छुड़ाने हो तो उसके पहले ही तोप में महादेव के दर्शन राजा और महाराजा कर लेते थे.

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संग्रहालय में रखी ये तोप महज 4 फीट की है. लेकिन इसका वजन करीब 400 किलो है, जो कांसे से बनाई गई है. यह तोप राजा गज सिंह की है. जिसे अंग्रेजों ने म्यूजियम में संभाल कर रखा.

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हैरान करने वाली बात यह है की टारगेट व्यू से पहले तोप में शिवलिंग और चार शेर नजर आते हैं. राजा गज सिंह की छोटी तोप जब अंग्रेजों के हाथ लगी तब इस तोप को अंग्रेज आसानी से इधर से उधर ले जाया करते थे.

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इतिहासकार संजय सिंह बताते हैं पहले के दौर में ज्यादातर लड़ाइयां आमने-सामने की होती थी. जिसमें तलवार, भाला, धनुष तीर जैसे हथियारों का इस्तेमाल होता था. लेकिन सिर्फ राजाओं के पास ही तोप होती थी.

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इसी वजह से तोप को महल का हिस्सा भी बनाया जाता था. शिवलिंग वाली तोप 16वीं शताब्दी की है. जब भी दुश्मन को टारगेट बनाना होता था, सैनिक शिवलिंग देखते हुए निशाना बनाते थे. जबकि तोप में बने तोप में बने शेरों को पकड़ने के लिए इस्तेमाल होता था.

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शिवलिंग वाली तोप में देवनागरी भाषा में श्लोक भी लिखा गया है. बताया जाता है युद्ध के दौरान कहीं न कहीं धर्म फैक्टर भी काम करता था. लिहाजा जबलपुर में कॉलेज आफ मैटेरियल मैनेजमेंट के आर्मी म्यूजियम में इस तरीके की कई तोप रखी गई है. जिसे म्यूजियम में सहेज कर रखा गया है.

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सेना के इस म्यूजियम में अनेक वस्तुएं रखी हुई हैं, लेकिन केवल रविवार और बुधवार के दिन 20 लोगों को ही जाने की एंट्री मिलती है. जिसके लिए एडवांस में परमिशन लेनी होती है.

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PHOTOS: अनोखी है शिवलिंग वाली ये तोप, महादेव को देखकर सैनिक भेदते थे लक्ष्य



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