Ground Report: कभी रिश्ते तक नहीं आते थे, आज सेल्फी पॉइंट बन चुका भानपुर…क्या आदमपुर की बारी आएगी?

Ground Report: कभी रिश्ते तक नहीं आते थे, आज सेल्फी पॉइंट बन चुका भानपुर…क्या आदमपुर की बारी आएगी?


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Bhopal Ground Report: क्या आप कभी किसी कचरे के पहाड़ के किनारे से गुजरे हैं? अगर हां तो आप समझ गए होंगे की कैसे वहां सांस लेना भी एक युध्द के समान होता है. राजधानी का भानपुर खंती कभी भोपाल का सबसे बड़ा कचरे का …और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • भानपुर खंती अब हरे-भरे भोपाल की पहचान बन चुका है.
  • कभी कचरे का पहाड़ था, अब टेक्नोलॉजी से हरा-भरा बना दिया गया.
  • आदमपुर खंती के लोग भी बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं.
Clean And Green India: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में कुछ सालों पहले तक अगर आप किसी से कहते की भाई भानपुर खंती चलना तो सीधा जवाब आता था नही भाई आप ही जाओ. अब ऐसा क्यों? इसलिए क्योंकि यही वो जगह थी जहां भोपाल का सबसे बड़ा कचरा पहाड़ भोपाल नगर निगम के कचरा फेंकने से समय के साथ बन गया था जो 21 एकड़ में फैला था. यहां 1970 के समय से कचरा फेंका जाता था. जहां समय-समय पर आग भी लगती रहती थी पर फिर कुछ बदला.

राजधानी भोपाल के इस बहारी इलाके में बने कचरे के एक पहाड़ का कायाकल्प हो चुका है पर उस विशाल कचरे के पहाड़ की निशानियां आज भी यहां के पानी और लोगों के जहन में मौजूद है. देखिए आखिर क्या है कभी गंदगी का अड्डा होने वाली जगह जो आज हरे-भरे भोपाल का उदाहरण है.

शादी के नहीं आते थे रिश्ते पर अब क्या बदला? पानी आज भी दूषित. देखिए Local18 की खास ग्राउंड रिपोर्ट.

कभी चारों तरफ था कचरा, अब ग्रीन भोपाल की पहचान
भोपाल से महज कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित भानपुर खंती ही वो जगह है, जहां भोपाल नगर निगम शहर का सारा कचरा डंप करता था. इसके चलते हर साल सैकड़ों बार इलाके में आग लगने से लोगों का जीवन दूभर हो जाता था. इतना ही नही इस कचरा डंपिंग से भानपुर और आस-पास के कई गांव के लोगों की आंखों में जलन और सांस फूलती थी पर फिर बदलाव आया और टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करके 21 एकड़ की जमीन को फिर से हरा भरा बना दिया गया. अब कुछ ऐसे ही बदलाव की उम्मीद आदमपुर खंती के लोग भी कर रहे हैं.

बदलाव की झलक, कभी था कचरे का पहाड़
जहरीले कचरे वाला इलाका कहलाने वाली भानपुर खंती में कभी एक बड़ा कचरे का पहाड़ हुआ करता था, जिसके ठीक पास से रेलवे लाइन भी गुजरती है पर फिर कुछ सालों पहले यहां के लोगों को बदलाव की एक उम्मीद दिखी. जहां उस पहाड़ को भोपाल नगर निगम ने हरा-भरा बनवा दिया. उसी हरे पहाड़ के बारे में बात करते हुए डालचंद ने Local18 से कहा कि, यहां चारों तरफ कचरा होता था. इतना ही नही इंसान तक इस पहाड़ में गड़े हैं. यहां का पानी खराब है और पीने लायक नही है. अब पाइप लाइन वाले पानी से ही गुजरा होता है लेकिन हालात बदले हैं नही तो पहले यहां खड़े तक नही हो पाते थे.

श्‍याम दांगी

लेखक और युवा पत्रकार। इन दिनों मुंबई से निकलने वाले हिंदी दैनिक प्रात:काल में कार्यरत।

लेखक और युवा पत्रकार। इन दिनों मुंबई से निकलने वाले हिंदी दैनिक प्रात:काल में कार्यरत।

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कभी रिश्ते तक नहीं आते थे, आज बना सेल्फी पॉइंट…क्या आदमपुर की आएगी अब बारी?



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