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Satna News: सतना के सीएम राइज स्कूल बगहा की हालत बेहद खराब है. छतें टपकती हैं, प्लास्टर गिरता है और बच्चों की कॉपियां भीग जाती हैं. प्राचार्य ने माना कि भवन 45 साल पुराना है और मरम्मत की जरूरत है.
हाइलाइट्स
- मऊगंज के सीएम राइज स्कूल में गिरा था छत का प्लास्टर
- सतना के सीएम राइज स्कूल बगहा में छतें टपकती हैं
- स्कूल भवन 45 साल पुराना, मरम्मत की जरूरत है
भीगी कॉपियां और फिसलन भरी फर्श
लोकल 18 ने जब इस विषय पर स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से बात की तो स्थिति और भी गंभीर नजर आई. कक्षा 5 के छात्र आयुष्मान तिवारी ने बताया कि क्लास में पानी गिरता है जिससे बैग हमेशा गीला रहता है. पढ़ाई में भी समस्या आती है और फर्श पर चलते नहीं बनता. एक छात्रा ने बताया कि क्लास तक पहुंचने के लिए भी कीचड़ के ऊपर से गुजरना पड़ता है. बैग और कॉपी हर समय गीली रहती है.
स्कूल के कॉमर्स लेक्चरर ने बताया कि बारिश के दौरान छत से लगातार पानी टपकता है जिससे क्लास में बच्चों के बैठने की व्यवस्था बाधित होती है. स्टाफ रूम में भी यही समस्या बनी रहती है. ग्राउंड में बने गड्ढे पानी से भर जाते हैं जिससे आने-जाने में भी दिक्कत होती है.
प्रबंधन का दावा: मॉनिटरिंग होती है, लेकिन समस्या पुरानी
एक शिक्षक ने बताया कि बारिश के समय स्कूल प्राचार्य और उप-प्राचार्य दिन में तीन से चार बार मॉनिटरिंग करते हैं. यदि किसी कक्षा में स्थिति खराब हो जाती है तो बच्चों को दूसरी कक्षा में शिफ्ट कर दिया जाता है. हालांकि, यह शहर का एकमात्र सांदीपनि विद्यालय है, ऐसे में यहां विशेष ध्यान दिए जाने की ज़रूरत है.
संस्कृत के शिक्षक रजनीकांत त्रिपाठी ने बताया कि स्कूल की पूरी व्यवस्था वही देखते हैं. बहुत पुराना है. एक जगह सीमेंट लगाओ तो दूसरी जगह से चूना गिरने लगता है. छज्जे हर वक्त गिरने की स्थिति में रहते हैं, जिससे हर समय हादसे की आशंका बनी रहती है.
प्राचार्य ने मानी समस्या
लोकल 18 से बात करते हुए स्कूल के प्राचार्य अश्विनी कुमार पाठक ने स्वीकार किया कि भवन लगभग 45 वर्ष पुराना है. स्कूल में वर्तमान में 660 छात्र और 35 शिक्षक कार्यरत हैं. पहले यह विद्यालय सिर्फ 8वीं तक था, फिर 2016 में हायर सेकेंडरी स्तर तक अपग्रेड हुआ और 2022 में इसे सीएम राइज स्कूल बनाया गया. अब इसका नाम बदलकर सांदीपनि विद्यालय रख दिया गया है.
हायर सेकेंडरी की हालत भी खराब
उन्होंने आगे बताया कि बरसात के समय पानी की समस्या लगातार बनी रहती है. विशेष रूप से प्राइमरी विंग पूरी तरह से जर्जर हो चुकी है. इसकी सूचना जिला परियोजना समन्वय को दो साल पहले ही दे दी गई थी. फिलहाल, उस भवन में बच्चों को नहीं बैठाया जाता है. अब सभी कक्षाएं हायर सेकेंडरी के भवन में दो शिफ्टों में चलाई जा रही हैं. लेकिन, अब हायर सेकेंडरी की हालत भी प्राइमरी विंग जैसी होती जा रही है.