आदिवासी बोले- देशभर में बुल्डोजर राज: बैतूल में कहा- आदिवासियों के घर-खेतों और पूजा स्थलों पर बुलडोजर चलाए जा रहे – Betul News

आदिवासी बोले- देशभर में बुल्डोजर राज:  बैतूल में कहा- आदिवासियों के घर-खेतों और पूजा स्थलों पर बुलडोजर चलाए जा रहे – Betul News


बैतूल में आदिवासी समुदाय ने श्रमिक आदिवासी संगठन और समाजवादी जन परिषद के बैनर तले बीजादेही बाजार में हरियाली रैली का आयोजन किया। इस रैली में आंवारिया, बल्लोर, सांगवानी, बालाडोंगरी, टांगना जैसे गांवों से बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए।

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रैली के दौरान, आदिवासियों ने बीजादेही थाने के थानेदार को फलदार पौधा सौंपते हुए उनसे डॉ. माह चलने वाले इस अभियान में सहयोग मांगा। उन्होंने थानेदार से सवाल किया कि जिला प्रशासन द्वारा 5 हजार फलदार पौधे देने का वादा किया गया था, उसका क्या हुआ? हालांकि, थानेदार इस सवाल का कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए।

रैली के बाद सभा में उठाए गए गंभीर सवाल रैली के बाद आयोजित सभा में आंवारिया की उर्मिला और दिव्या बाई ने कहा कि हाईवे निर्माण के नाम पर लाखों पेड़ काटे जा रहे हैं और पहाड़ों को खोदा जा रहा है, लेकिन वन विभाग, नेता और अधिकारी सब चुप हैं। ​​​​​​​बल्लोर के अर्जुन ने कहा कि देश भर में बुलडोजर राज चल रहा है, और आदिवासियों के घरों, खेतों और पूजा स्थलों पर भी बुलडोजर चलाए जा रहे हैं। उन्हें जंगल और पर्यावरण की कोई परवाह नहीं है।

सजप का हरियाली अभियान, 50 हजार से ज्यादा पौधे लगे ​​​​​​​सजप के राजेंद्र गढ़वाल ने हरियाली अभियान के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि पिछले 15-20 सालों से सजप और संगठन हर साल हरियाली अभियान चला रहे हैं, जिसके तहत अब तक लगभग 50 हजार पौधे लगाए जा चुके हैं। इस साल भी आदिवासी समुदाय के लोग 5 हजार पौधे लगाएंगे और उनकी देखभाल करेंगे, ताकि ये पौधे बड़े होकर पेड़ बन सकें।

रैली के दौरान पर्यावरण जागरूकता फैलाने की अपील ​​​​​​​रमेश सरपंच ने कहा कि इस अभियान के तहत बाजारों, गांवों में फलदार पौधों के साथ हरियाली यात्रा और रैली निकालकर लोगों में पर्यावरण के प्रति जागरूकता फैलाने का कार्य किया जा रहा है। इस अभियान में हजारों फलदार पौधे लगाने की योजना बनाई गई है।

रैली का संचालन और समर्थन ​​​​​​​रैली का संचालन लक्ष्मण, गंजन सिंग, सुरेश और अन्य लोगों द्वारा किया गया। उन्होंने इस पर्यावरण बचाने के अभियान को सफल बनाने के लिए स्थानीय लोगों से सहयोग की अपील की।

पर्यावरण रक्षा के लिए आदिवासी समाज का संघर्ष जारी ​​​​​​​इस रैली ने पर्यावरण बचाने और आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए एक मजबूत संदेश दिया है। आदिवासी समाज ने एकजुट होकर अपने अधिकारों की आवाज उठाई है और पर्यावरण बचाने के लिए संघर्ष जारी रखने का संकल्प लिया है।



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