राजधानी भोपाल का लालघाटी स्थित बरेला गांव। चुनाव आयोग की वोटर लिस्ट के मुताबिक गांव के मकान नंबर 10 पर 19 वोटर रहते हैं। जिनमें राजेश मोदी, मुकेश योगी, मोहम्मद अफसर अली, सकीना और सीता विश्वकर्मा समेत कई नाम दर्ज हैं। यानी हिंदू और मुस्लिम परिवार एक स
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भास्कर की टीम जब यहां पहुंची तो यहां केवल दो मुस्लिम फैमिली मिलीं। वोटर लिस्ट में दर्ज बाकी नाम थे ही नहीं यानी सब फर्जी है। वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़े का ये मामला केवल भोपाल का नहीं है बल्कि पूरे प्रदेश में 1696 पते ऐसे हैं जहां एक ही घर में 50 से ज्यादा वोटर्स निर्वाचन आयोग की सूची में दर्ज हैं। इनमें से 917 पते नगरीय निकाय क्षेत्रों में हैं, जबकि बाकी पंचायतों में हैं।
अब निर्वाचन आयोग ने कहा है कि घर-घर जाकर इन पतों पर वेरिफिकेशन किया जाएगा। उससे पहले भास्कर ने इन पतों पर जाकर जमीनी हकीकत देखी, तो तीन बातें समझ आईं….
- वोटर लिस्ट में जिस पते पर वोटर के नाम दर्ज हैं वो वहां नहीं रहते।
- ऐसे पते जहां वोटर के नाम दर्ज हैं, मगर वो वहां न रहकर आसपास रहते हैं।
- ऐसे पते जहां इक्का दुक्का वोटर ही आसपास रहते हैं, बाकी नहीं रहते।
संडे स्टोरी में पढ़िए बिहार वोटर लिस्ट रिवीजन पर उठे विवाद के बीच मप्र में भी किस तरह से वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा हुआ है। सबसे पहले तीन केस स्टडी…
केस1: एक मकान में 19 वोटर्स, चार को छोड़कर सभी फर्जी

भास्कर ने जब भोपाल उत्तर विधानसभा सीट की वोटर लिस्ट देखी तो उसमें कुछ संदिग्ध पते लालघाटी स्थित बरेला गांव के मिले। वोटर लिस्ट में मकान नंबर 10 पर 19 वोटर रहते हैं। इनमें बसीर नबी, मोहम्मद अफसर अली, सकीना बी, भूरी बाई, राजेश मोदी, नफीस, गिरमान सिंह, अनिल प्रसाद, मुकेश योगी , गोविंद विश्वकर्मा, मो. अरशद अली, अशरफ, जुमली बाई, सुनीता देवी, अनीता , शाजिया, सीता विश्वकर्मा, शहनाज अली, भोला योगी का नाम शामिल है।

वोटर लिस्ट में मकान नंबर 10 पर 19 वोटर्स के नाम रजिस्टर्ड हैं।
हकीकत: मकान नंबर 10 पर रहता है अशरफ अली का परिवार मामले की पड़ताल करने जब हम लालघाटी, गुफा मंदिर के पास स्थित बरेला गांव पहुंचे तो संकरी गली होते हुए गांव के अंतिम छोर में मकान नंबर 10 मिला। यहां मकान नंबर 10 में अशरफ अली का परिवार रहता है, चार कमरे का अधपका मकान है, छत टीन शेड की है। घर में अरशद की पत्नी शहनाज अली मिली।
शहनाज ने बताया कि पति अरशद काम पर गए हैं। मकान नं 10 उन्हीं का है, इसी घर में उनका परिवार 34 साल से रह रहा है। 4 कमरे का घर है, जिसे अरशद के अब्बू अफसर अली ने बनवाया था। अब अरशद और अशरफ अली, दोनों भाइयों का का परिवार रहता है। साथ में नानी भी रहती हैं।
वोटर्स लिस्ट में इसी पते पर दर्ज मुकेश योगी, राजेश मोदी और अन्य दूसरे नाम पूछने पर शहनाज ने पहचानने से इनकार कर दिया।

केस2: पूरा मोहल्ले ने वोटर कार्ड में एक ही पता लिखवाया

वोटर लिस्ट में एक और संदिग्ध पता भोपाल के गोविंदपुरा का मिला। करारिया गांव में एक ही वार्ड के मकान नं 64 में 40 वोटर्स दर्ज हैं। इनमें किरण बाई, हुकुमचंद सैनी, पंकज श्रीवास, हल्के प्रसाद, सूरज माली समेत और भी कई लोगों के नाम शामिल है। यानी इस पते पर सभी समाज के लोग एक साथ रहते हैं।
भास्कर की टीम जब इस पते पर पहुंची तो पता चला कि ये आशाराम माली का मकान है। उनकी परचून की दुकान है, जो घर के निचले हिस्से में बनी है।

वोटर लिस्ट में मकान नंबर 64 पर 40 वोटर्स दर्ज हैं।
हकीकत: आसपास के लोगों के मकान नंबर ही नहीं है आशाराम माली ने बताया कि मेरा मकान नंबर 64 है। परिवार में 19-20 लोग हैं। हम 25 साल से इसी घर में रह रहे हैं। अब परिवार बड़ा हो गया है और घर में करीब 20 वोटर्स हैं। सबके मकान अलग-अलग है। उनसे पूछा कि इस पते पर तो 40 वोटर्स के नाम दर्ज हैं तो बोले- आसपास के लोगों ने भी वोटर लिस्ट में यही पता लिखा है। उनके घर के नंबर नहीं है।
भास्कर की टीम मोहल्ले में घूमी तो आशाराम की बात सही थी। किसी भी मकान पर नंबर नहीं डला था। आशाराम के अगल- बगल वाले घरों में किरणबाई और हुकुमचंद सैनी रहते हैं। दोनों ने वोटर लिस्ट में अपने घर का पता मकान नंबर 64 ही लिखवाया है।
सूरज माली ने आधार कार्ड पर पता मकान नंबर 64 दिखाते हुए बताया कि यहां पर कई लोगों के अलग-अलग दो-दो मंजिला घर हैं, लेकिन पता मकान नंबर 64 ही है। ये हमारा कई साल पुराना पता है।

केस3: एक ही मकान में पति-पत्नी के 7 जोड़े रहते हैं

भोपाल उत्तर के लालघाटी के नयापुरा में मकान नंबर 100 में वोटर लिस्ट में 36 नाम दर्ज हैं। लिस्ट देखने पर पता चलता है कि पति-पत्नी के सात जोड़े इसी एक मकान में रहते हैं। जिनमें प्रेम नारायण मालवीय, मानसिंह यादव, कन्हैया यादव, प्रदीप पाण्डे, अरविंद शर्मा, बंटी माली और धर्मेंद्र यादव अपनी पत्नियों के साथ रहते हैं।
बाकी वोटर्स भी इन्हीं के रिश्तेदार हैं। उनके पिता के नाम पर इन लोगों के नाम दर्ज हैं। इसके अलावा कुछ व्यक्ति बिना पत्नियों के अकेले रहते हैं।

वोटर लिस्ट में मकान नंबर 100 पर 36 नाम दर्ज हैं।
हकीकत: यादव परिवार के 11 सदस्य असली वोटर, बाकी फर्जी भास्कर की टीम जब इस पते पर पहुंची तो संकरी गलियों में बना धर्मेंद्र यादव का घर मिला। 2 मंजिल के मकान में 5 कमरे हैं। घर में जीतेंद्र यादव की पत्नी रनिता यादव और चाची बसंती बाई मिलीं। पूछने पर बसंती बाई ने बताया कि करीब 40 सालों से वह इसी घर में रह रहे हैं। वर्तमान में अनिल, जीतेंद्र और धर्मेंद्र यादव का परिवार इस घर में रहता है।
मानसिंह और मनीष यादव भी इसी परिवार के सदस्य हैं। उनसे पूछा कि वोटर लिस्ट में प्रदीप पाण्डे, अरविंद शर्मा और बंटी माली का पता भी यहीं दर्ज है, तो उन्होंने कहा कि अरविंद शर्मा का घर तो मोहल्ले में आगे की तरफ है। उनका अलग मकान है उनके नाम के आगे ये पता क्यों लिखा है वो नहीं बता सकती। बाकी लोगों को बसंती बाई ने पहचानने से इनकार कर दिया।

अब जानिए कैसे पकड़ में आई गड़बड़ी मप्र में पिछले साल नवंबर में दो विधानसभा सीटें बुधनी और श्योपुर में उपचुनाव हुआ था। इन चुनावों से पहले मप्र में लोकसभा 2024 के चुनाव हुए थे। उपचुनाव के चलते राज्य निर्वाचन आयोग ने मतदाता सूची का डेटा अपडेट करवाया। एमपी स्टेट इलेक्ट्रॉनिक डवलपमेंट कॉरपोरेशन (एमपीएसईडीसी) के सॉफ्टवेयर से जब मतदाता सूचियों का मिलान हुआ तो पाया कि 7.95 लाख पते ऐसे हैं जहां 20 वोटर्स तक दर्ज हैं।
वहीं 2354 पते ऐसे हैं जहां वोटर्स की संख्या 41 से 50 तक दर्ज हैं। 50 से ज्यादा वोटर्स वाले पतों की संख्या 1696 हैं। आयोग ने एक ही पते पर रजिस्टर्ड मतदाताओं की संख्या के आधार पर इन्हें पांच कैटेगरी में बांटा है। सबसे ज्यादा फर्जी पते चंबल संभाग में सामने आए हैं, जहां नगर पालिकाओं और पंचायतों में एक ही मकान में दर्जनों मतदाता रजिस्टर्ड हैं।

ग्वालियर नगर निगम की वोटर लिस्ट में सबसे ज्यादा फर्जीवाड़ा वोटर लिस्ट में फर्जीवाड़ा नगरनिगम और पंचायत स्तर पर भी हुआ है। मप्र में 16 नगर निगम है उनमें से पांच बड़े नगर निगम इंदौर, भोपाल, जबलपुर, ग्वालियर और उज्जैन की बात करें तो ग्वालियर में वोटर लिस्ट में संदिग्ध पतों की संख्या सबसे ज्यादा( 16 हजार से ज्यादा) है। दूसरे नंबर पर इंदौर और तीसरे नंबर पर भोपाल नगर निगम का है।
इसके बाद जबलपुर और उज्जैन का नंबर आता है। ग्वालियर में तो 158 पते ऐसे हैं जहां 50 से ज्यादा वोटर रजिस्टर्ड हैं वहीं इस मामले में दूसरे नंबर पर भोपाल है जहां 81 पतों पर 50 से ज्यादा वोटर रजिस्टर्ड हैं।

गड़बड़ियां सुधारने में जुटा निर्वाचन आयोग मध्य प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव अभिषेक सिंह ने बताया कि आयोग की मतदाता सूची में निरंतर बदलाव होता रहता है। ये कोई स्थायी सूची नहीं है, इसमें लगातार संशोधन होते हैं। जो त्रुटियां पाई जाती हैं, उनका निराकरण किया जाता है। एक बार त्रुटी दूर होने पर दोबारा भी हो सकती है। आम निर्वाचन से एक दो साल पहले बड़े स्तर पर संशोधन किया जाता है।
वोटर लिस्ट का अलग-अलग तरह से परीक्षण किया जाता है। राज्य निर्वाचन ने विश्लेषण करने पर कई तरह की त्रुटियां पाई हैं। कई जगह पता ठीक है मगर कोई मतदाता नहीं है। वहीं लिस्ट बनाते वक्त कई लोगों का नाम एक ही पते पर रजिस्टर्ड कर लिया। इसे दुरुस्त करने का काम हम कर रहे हैं। सूची के आधार पर इन नामों का भौतिक सत्यापन कर रहे हैं

विपक्ष बोला- विधानसभा में उठाएंगे, सत्ता पक्ष ने कहा- ठीकरा फोड़ रहे मध्य प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मतदाता सूची में गड़बड़ी को लेकर कहा कि महाराष्ट्र, हरियाणा और अब बिहार में इस तरह की बड़ी गड़बड़ी सामने आ चुकी है। अब मध्य प्रदेश में सामने आ रही है। बीजेपी चुनाव आयोग को हथियार बना कर सरकार में रहना चाहती है। इस मुद्दे को हम विधानसभा में भी उठाएंगे।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी पिछले विस चुनाव में वोटर लिस्ट में गड़बड़ी की शिकायत राज्य निर्वाचन आयोग और कोर्ट में की थी। पटवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट कर लिखा, महाराष्ट्र और हरियाणा के बाद अब बिहार में भी ऐसे ही खेल की तैयारी चल रही है। मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव में फर्जी वोट पड़े होंगे।
यहां भी मतदाताओं का वेरिफिकेशन होना चाहिए। वहीं मध्य प्रदेश शासन में कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस हमेशा से संवैधानिक संस्थाओं पर सवाल उठाती रही है। जनता इन्हें नकार चुकी है।
