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Baba Mahakal Temple Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में बाबा महाकाल के दरबार में सावन मास के पहले सोमवार को लाखों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन करने पहुंचे थे. वे अपने साथ लड्डू प्रसाद भी ले गए. पिछले सोमवार 54.48 क्विंटल यानी करीब 26 लाख रुपये का लड्डू प्रसाद बिका था. दूसरे सोमवार यानी 21 जुलाई को श्रद्धालुओं की संख्या और बढ़ने का अनुमान लगाया जा रहा है, लिहाजा महाकालेश्वर मंदिर समिति इस बार के लिए 80 कुंतल लड्डू प्रसाद तैयार करा रही है.
विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन दुनियाभर में प्रसिद्ध है. रोजाना यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं. सावन मास में यह संख्या लाखों में पहुंच जाती है. महाकाल आने वाले श्रद्धालु अपने साथ बाबा महाकाल का लड्डू प्रसाद लाना नहीं भूलते.

इस साल सावन मास की शुरुआत 11 जुलाई से हुई. भगवान महाकाल की पहली सवारी 14 जुलाई यानी सावन के पहले सोमवार को निकली थी. पहले सोमवार के दिन उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. करीब 2.5 लाख भक्तों ने बाबा महाकाल के दर्शन किए और प्रसिद्ध लड्डू प्रसाद मंदिर में चढ़ाया.

पहले सोमवार को 54.48 क्विंटल लड्डू प्रसाद की बिक्री हुई, जिसकी कीमत करीब 26 लाख रुपये थी. मंदिर समिति ने आगामी सावन सोमवारों पर श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए और ज्यादा लड्डू प्रसाद बनाने का फैसला किया है.

बाबा का लड्डू प्रसाद देश ही नहीं बल्कि विदेशों तक भक्त अपने साथ लेकर जाते हैं. त्योहारों और विशेष आयोजनों पर प्रसाद की मांग और ज्यादा बढ़ जाती है, इसलिए मंदिर समिति अतिरिक्त स्टॉक पहले से तैयार रखती है.

महाकाल के लड्डू प्रसादी यूनिट को हाइजिन रेटिंग में FSSAI की ओर से फाइव स्टार रेटिंग मिली हुई है. मंदिर समिति के मुताबिक, देश के चुनिंदा मंदिरों को ही ऐसी रेटिंग मिली है. महाकाल के लड्डू प्रसाद को तैयार करने के लिए सभी खाद्य सामग्री को पूरी आदर्श स्थिति में खरीदा जाता है. इसके साथ ही कर्मचारियों का नियमित स्वास्थ्य परीक्षण भी कराया जाता है.

बाबा महाकाल के लड्डू प्रसाद को खास बनाने के लिए जरूरी सामग्री टेंडर प्रक्रिया से खरीदी जाती है. इसमें देसी घी, चने की दाल, रवा और ड्राईफ्रूट्स शामिल हैं. हर सामान की गुणवत्ता जांची जाती है. यह जांच खाद्य विभाग की टीम करती है. अगर कोई सामग्री खराब या मानक से कम होती है, तो उसे तुरंत वापस लौटा दिया जाता है.

प्रतिदिन 50 से 60 क्विंटल लड्डू बनते हैं. त्योहार और विशेष मौकों पर अलग से प्रसाद बनाया जाता है. लड्डू प्रसाद 100 ग्राम, 200 ग्राम, 500 ग्राम और एक किलो के पैकेट में उपलब्ध रहते हैं. भगवान महाकाल का लड्डू प्रसाद 400 रुपये किलो मिलता है.

सावन मास के पहले सोमवार को महाकाल मंदिर का 54.48 क्विंटल प्रसाद बिक गया था, जिससे मंदिर समिति को 26 लाख रुपये की आय हुई. महाकाल मंदिर समिति अब दूसरे सोमवार को होने वाली सवारी के लिए 80 क्विंटल लड्डू प्रसाद बनवा रही है.