बैतूल जिले के गुवाड़ी गांव निवासी 12वीं के छात्र पीयूष धुर्वे की मौत के बाद परिजनों ने अस्पताल प्रशासन पर गंभीर लापरवाही के आरोप लगाए हैं। पीड़ित परिवार कोतवाली थाने में धरने पर बैठ गया और अस्पताल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने की मांग कर रहा है।
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दरअसल, शनिवार को पीयूष की उंगली ईंट बनाने की मशीन में फंसकर बुरी तरह घायल हो गई थी। उसे इलाज के लिए एक प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया गया था। परिजनों के अनुसार, शाम 4 बजे ऑपरेशन होना था, लेकिन रात 8 बजे तक ऑपरेशन शुरू नहीं हुआ। छात्र को लगभग दो घंटे ऑपरेशन थिएटर में रखने के बाद शतायु अस्पताल रेफर किया गया। वहां से उसे नागपुर ले जाया जा रहा था, लेकिन रास्ते में उसकी मौत हो गई।
परिजनों ने लगाए गंभीर आरोप परिजनों का कहना है कि पीयूष को ऑपरेशन थिएटर में ले जाने के बाद उन्हें कोई जानकारी नहीं दी गई और मुलाकात भी नहीं करने दी गई। उन्हें अंतिम समय तक गुमराह किया गया और इलाज में जानबूझकर लापरवाही बरती गई।
रविवार को जब नागपुर से पीयूष का शव बैतूल लाया जा रहा था, तब परिजनों को बताया गया कि शव कोतवाली लाया जाएगा। परिजन एक घंटे से अधिक समय तक थाने में इंतजार करते रहे, लेकिन बाद में पता चला कि शव सीधे अस्पताल भेज दिया गया है। इससे आक्रोशित परिजन धरने पर बैठ गए।
अस्पताल ने दी सफाई इस मामले में अस्पताल के डॉक्टर एनआर पाड़ी का कहना है कि पीयूष को एक सामान्य दवा से असामान्य रिएक्शन हुआ, जो एक दुर्लभ स्थिति थी। मौत का वास्तविक कारण पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के बाद ही स्पष्ट हो सकेगा।
परिजन प्रदर्शन कर अस्पताल पर FIR की मांग करने पर अड़े हुए हैं।