महाकाल महालोक में सांस्कृतिक संध्या: कथक नृत्य और भजन गायन ने मन मोहा; दर्शकों ने किया भावविभोर स्वागत – Ujjain News

महाकाल महालोक में सांस्कृतिक संध्या:  कथक नृत्य और भजन गायन ने मन मोहा; दर्शकों ने किया भावविभोर स्वागत – Ujjain News


श्रावण-भादौ मास में हर शाम 6 से 8 बजे तक आयोजित हो रही श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के छठे दिन, रविवार को महाकाल महालोक के मंच पर कथक नृत्य और भक्ति भजनों की प्रस्तुति हुई। कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई, जिसे समाजसेवी अभय यादव और पुजा

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पहली प्रस्तुति रूद्राष्टक “नमामी शमिशान निर्वाण रूपम…” से हुई। इसके बाद शिखा सोनी, वंशिका पहाड़िया और सौम्या श्रीवास्तव ने शुद्ध कथक में परण और चतुरंग की प्रस्तुति दी।

इसके बाद डॉ. हितु मिश्रा ने गणेश वंदना से शुरुआत कर “शिव का नाम जपो संसारी…”, “कौन नाम से पुकारूं…” और “डिमिक डिमिक डमरू बाजे…” जैसे भजनों की प्रस्तुति दी। उन्हें अनुकृति मिश्रा और अनुश्रुति मिश्रा ने साथ दिया। संगत में आदित्य मिश्रा (तबला), रितेश वैष्णव (कीबोर्ड) और आदेश हंसवाल (ऑक्टोपेड) शामिल थे।

महाकाल महालोक के मंच पर कथक नृत्य और भक्ति भजनों की प्रस्तुति हुई।

अंत में नेहा बनर्जी ने तीन ताल, ताल धमार और शिव वंदना पर कथक नृत्य प्रस्तुत किया। तबले पर विवेक मिश्रा और गायन में पुष्पराज भागवत ने संगत की।

एसएन सोनी और सिम्मी यादव ने सभी अतिथियों और कलाकारों का स्वागत किया।

नेहा बनर्जी ने तीन ताल, ताल धमार और शिव वंदना पर कथक नृत्य प्रस्तुत किया।

नेहा बनर्जी ने तीन ताल, ताल धमार और शिव वंदना पर कथक नृत्य प्रस्तुत किया।



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