सावन में पूजा करते समय न करें ये भूल, वरना इंद्रदेव ले जाएंगे आपका पुण्य!

सावन में पूजा करते समय न करें ये भूल, वरना इंद्रदेव ले जाएंगे आपका पुण्य!


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Sawan 2025: सावन में अगर आप महादेव की पूजा कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पूजा की पवित्रता केवल विधि-विधान से नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों का पालन करने से भी बनी रहती है. याद रखें कि अगर पूजा के दौरान किसी कारणवश उ…और पढ़ें

सतना. सावन का पवित्र महीना चल रहा है और भोलेनाथ के भक्तों में गजब की आस्था और श्रद्धा देखने को मिल रही है. मध्य प्रदेश समेत सभी राज्यों के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. कहीं कांवड़ यात्रा निकल रही है, तो कहीं घरों में रुद्राभिषेक और विशेष पूजन का आयोजन हो रहा है. ऐसे समय में पूजा से जुड़े कुछ नियमों को जानना बहुत जरूरी है, वरना आपका किया हुआ पुण्य भी आपसे छिन सकता है. लोकल 18 से बातचीत में सतना के पुरोहित संतोष मिश्रा ने बताया कि ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा और एकादशी के बाद भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं. जिसके बाद सम्पूर्ण सृष्टि की जिम्मेदारी भगवान शिव के हाथों में आ जाती है. ऐसे में सावन के महीने में शिव की पूजा करना केवल धार्मिक परंपरा नहीं बल्कि आध्यात्मिक रूप से भी अत्यंत फलदायी होता है.

उन्होंने कहा कि रुद्राभिषेक से पहले स्नान कर पवित्र भाव से मन में संकल्प लेना चाहिए कि हम धन, विद्या, समृद्धि और परिवारिक सुख आदि की प्राप्ति हेतु रुद्राभिषेक कर रहे हैं. इसके बाद पूजा की सभी सामग्रियां जैसे- दूध, दही, शहद, घी, गंगाजल, बेलपत्र, धतूरा, कुशा, पैती आदि तैयार रखें. पूजा के दौरान पैती धारण करनी चाहिए जो कि ब्राह्मण धर्म का प्रतीक मानी जाती है. वहीं कुशा को पूजा का गवाह माना जाता है. उन्होंने कहा कि जैसे अदालत में गवाह बिना सबूत के फैसला नहीं होता, वैसे ही कुशा मृत्यु के बाद किए गए कर्मों की साक्षी बनती है, जिससे स्वर्ग प्राप्ति का मार्ग खुल जाता है.

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अगर पूजा के दौरान उठना पड़े, तो जरूर करें ये कार्य
पुरोहित संतोष मिश्रा ने कहा कि सबसे महत्वपूर्ण बात जो बहुत से लोग नहीं जानते हैं कि अगर रुद्राभिषेक या पूजा के दौरान किसी कारणवश आपको उठना पड़े, तो अपनी कुशा से अपने आसन के सामने जमीन पर जल छिड़क दें और पैती दोनों हाथों में पहने रहें. मान्यता है कि भगवान इंद्र पुण्य की तलाश में रहते हैं और यदि आप बिना जल छिड़के पूजा से उठते हैं, तो पूजा का पुण्य इंद्र स्वयं ले जाते हैं.

रुद्राभिषेक से पूरी होती मनोकामना
उन्होंने आगे कहा कि रुद्राभिषेक से विवाह संबंधी बाधाएं दूर होती हैं, नौकरी के योग बनते हैं, स्वास्थ्य अच्छा रहता है और संतान सुख की कामना पूरी होती है. विशेष बात यह है कि यदि आपने सावन में रुद्राभिषेक कर लिया और महामृत्युंजय मंत्र का जाप न भी हो सके, फिर भी उसका फल आपको मिलता है.

इस सावन में यदि आप भगवान शिव की पूजा कर रहे हैं, तो ध्यान रखें कि पूजा की पवित्रता केवल विधि-विधान से नहीं बल्कि छोटी-छोटी बातों के पालन से भी बनी रहती है. याद रखें, पूजा के दौरान उठना हो, तो कुशा से जल छिड़कना न भूलें, वरना आपका पुण्य इंद्रदेव ले जा सकते हैं.

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सावन में पूजा करते समय न करें ये भूल, वरना इंद्रदेव ले जाएंगे आपका पुण्य!

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



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