खंडवा में पुलिस ने केस दर्ज कर जांच शुरू की।
खंडवा में धोखाधड़ी और जालसाजी से जुड़ा एक मामला सामने आया है। छोटी बहन ने अपने सात भाई-बहनों के हिस्से वाले पुश्तैनी मकान को अकेले बेच दिया। यहां तक की मकान की कीमत 50 लाख थी और सौदा महज 12 लाख 91 हजार रुपए में कर लिया। संपत्ति को लेकर पहले ही आपत्ति
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खानाशाहवली दरगाह खंडवा निवासी फरियादी मसूद जावेद कादरी ने मोघट पुलिस को शिकायत में बताया कि हमारे पिता शेख मकसूद की आठ संतानें थी, जिसमें पांच बेटे और तीन बेटियां थी। छोटी बहन नुसरत बी पति साजिद अली ने अन्य सातों संतानों को छोड़कर परदेशीपुरा स्थिति 1897 स्क्वायर फीट पर बने पुश्तैनी मकान जिसकी कीमत करीब 50 लाख रुपए हैं। उसे अपने नाम करवाकर 12.91 हजार रुपए में रइसा बी असलम खां निवासी गुलशन नगर खंडवा को बेच दी।
इस मकान को नाम पर कराने में मो. अबरार, इफ्तेकार हुसैन, मतीन और सेमुन बी, हारिश और मेहबीश शाह ने झूठा शपथ पत्र, झूठा पंचनामा और झूठी सहमति दर्शाकर कि नुसरत बी अकेली बेटी हैं। इतना ही नहीं 2022 में हमने संपत्ति रजिस्ट्रार को 250 रुपए की रसीद कटवाकर आपत्ति दर्ज कराई थी कि भविष्य में ये मकान विक्रय न हो। लेकिन 8 मार्च 2025 को नुसरत बी ने मकान को बेचकर रजिस्ट्री करवा दी। खंडवा तरक कुंबी में स्थित शामलाती जमीन जिसमें 8 भाई-बहन के नाम दर्ज है। तहसीलदार ने नुसरत बी का बंटवारा आवेदन निरस्त कर दिया था। इसके बाद भी ये जमीन बेची गई।