अशोकनगर जिला अस्पताल के मानसिक रोगियों के लिए संचालित मन कक्ष में सायकोटिक दवाओं के रिकॉर्ड और वितरण में गंभीर अनियमितताओं का मामला सामने आया है। कलेक्टर आदित्य सिंह द्वारा गठित जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर हुए हैं।
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जांच में सामने आया कि 37,500 एल्प्राजोलम टैबलेट बिना किसी वैध मांग-पत्र के मन कक्ष को जारी की गईं। नर्सिंग स्टाफ ने इन्हें बिना निर्धारित प्रक्रिया के वितरित किया। वितरण के समय दवा का बैच नंबर, एक्सपायरी डेट और मरीज का मोबाइल नंबर जैसी महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज नहीं की गई।
स्टॉक रजिस्टर और भौतिक स्टॉक में बड़ा अंतर सायकोटिक दवाओं का रिकॉर्ड अनियमित मिला। स्टॉक रजिस्टर में प्रविष्टियां अधूरी थीं और भौतिक स्टॉक की मात्रा से मेल नहीं खा रही थीं। बीते एक वर्ष से दवा की मांग के लिए कोई विधिवत पत्र तैयार नहीं किया गया था। जब दस्तावेज मांगे गए तो उन्हें पूर्व तिथि (बैकडेट) में तैयार करने की कोशिश की गई।
मरीजों की जगह परिजनों को दी जा रही थीं दवाएं जांच में यह भी पाया गया कि सायकोटिक दवाएं सीधे मरीजों को न देकर उनके परिजनों को दी जा रही थीं, जो नियमों के खिलाफ है।
FIR दर्ज, अनुशासनात्मक कार्रवाई होगी जांच समिति में अपर कलेक्टर, एसडीएम, सीएमएचओ, औषधि निरीक्षक, तहसीलदार और शिकायत शाखा प्रभारी शामिल थे। रिपोर्ट के आधार पर कोतवाली अशोकनगर में धारा 331(4) और 305ए के तहत प्रकरण दर्ज किया गया है। दोषी कर्मचारियों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।