गौरी घाट से कैलाशधाम तक 35 KM की भक्ति यात्रा।
जबलपुर में मध्यप्रदेश की सबसे बड़ी संस्कार कांवड़ यात्रा आज (सोमवार) सुबह 6 बजे नर्मदा तट स्थित गौरी घाट से शुरू होगी। करीब 35 किलोमीटर की यह यात्रा खमरिया स्थित कैलाशधाम मंदिर में पहुंचकर संपन्न होगी। आयोजकों के मुताबिक इस बार यात्रा में एक लाख से अ
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स्कूलों में छुट्टी, रूट डायवर्ट
यात्रा के दौरान शहर के कई मार्गों को डायवर्ट किया गया है। भारी भीड़ को देखते हुए कलेक्टर दीपक कुमार सक्सेना ने जबलपुर के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों में छुट्टी घोषित की है। साथ ही जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए गए हैं कि आदेश का कड़ाई से पालन हो।
तेज आवाज वाले डीजे पर बैन
श्रद्धालुओं की संख्या और सुरक्षा के मद्देनज़र तेज आवाज वाले डीजे पर प्रतिबंध लगाया गया है। यात्रा में किसी भी झांकी, मंच या वाहन पर दो से अधिक साउंड बॉक्स की अनुमति नहीं होगी, और स्पीकर का आकार 12 इंच से ज्यादा नहीं होगा। ध्वनि की अधिकतम सीमा 50 डेसिबल तय की गई है, जबकि हॉर्न स्पीकर का उपयोग पूरी तरह से प्रतिबंधित रहेगा। कोई भी विवादित या भावनाएं आहत करने वाला गीत नहीं बजाया जाएगा।
15वां वर्ष, एक संकल्प–एक पौधा
संस्कार कांवड़ यात्रा का यह 15वां वर्ष है। हालांकि कोविड के दौरान दो साल यात्रा नहीं निकाली गई थी। इस यात्रा की खास बात है कि हर श्रद्धालु नर्मदा जल के साथ एक पौधा भी लेकर चलता है, जिसे कैलाशधाम की पहाड़ियों में रोपा जाता है। इसी प्रयास से आज कैलाशधाम की पहाड़ी हरियाली से भर चुकी है।
रूट और विशेषताएं
यात्रा गौरी घाट से शुरू होकर रेत नाका, रामपुर चौक, शंकराचार्य चौक, शास्त्री ब्रिज, तीन पत्ती, यातायात चौक, सुपर मार्केट, लार्डगंज, बड़ा फुहारा, सराफा बाजार, बेलबाग, घमापुर, कांचघर, गोकलपुर, रांझी होते हुए खमरिया स्थित कैलाशधाम पहुंचेगी।यह यात्रा सुबह शुरू होकर दोपहर करीब 3 बजे कैलाशधाम में पहुंचकर भगवान शिव का जलाभिषेक करेगी।
संस्कार कांवड़ यात्रा का नाम गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज है। इसमें बच्चे, महिलाएं और बुजुर्ग बड़ी संख्या में शामिल होते हैं। इस बार यात्रा समर्थ सद्गुरु भैया जी सरकार और रामू दादा सहित संतजनों के सान्निध्य में निकाली जाएगी।