बारिश से मुरैना जिले में चंबल नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है।
मध्यप्रदेश में तेज बारिश का दौर थम गया है। पिछले 2 दिन से कुछ जिलों में ही हल्की बारिश हुई है। सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया कि 21 और 22 जुलाई को कहीं-कहीं हल्की बारिश हो सकती है। इससे दिन का तापमान बढ़ जाएगा। 23 जुलाई से फिर
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डॉ. सुरेंद्रन ने बताया, मानसूनी टर्फ और वेस्टर्न डिस्टरबेंस (पश्चिमी विक्षोभ) प्रदेश से काफी दूर है, लेकिन जुलाई का आखिरी सप्ताह फिर से प्रदेश तरबतर हो जाएगा। पूर्वी और दक्षिणी हिस्से में तेज बारिश होने का अनुमान है। बता दें कि प्रदेश में अब तक औसत 20.5 इंच बारिश हो चुकी है। 3 जिले- निवाड़ी, टीकमगढ़ और श्योपुर में तो कोटा पूरा हो चुका है। इन जिलों में सामान्य से 15% तक ज्यादा पानी गिर चुका है। ग्वालियर समेत 5 जिलों भी बेहतर स्थिति में है। यहां 80 से 95% तक बारिश हो चुकी है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग सबसे पीछे है। इंदौर, उज्जैन, शाजापुर, बुरहानपुर और आगर-मालवा में 10 इंच से भी कम पानी गिरा है।
इन जिलों में बदला रहा मौसम
इससे पहले रविवार को उज्जैन और खजुराहो में हल्की बारिश हुई। वहीं, शाम के बाद मंडला, डिंडौरी, अनूपपुर, सिंगरौली, मुरैना, भिंड, ग्वालियर, दतिया, श्योपुर, नीमच, मंदसौर, गुना, विदिशा, राजगढ़, सागर, दमोह, जबलपुर, उमरिया, सीधी, शहडोल और रीवा जिलों में हल्की बारिश का दौर रहा। भोपाल, इंदौर, उज्जैन समेत कई शहरों में दिन में धूप खिली रही।
अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…


इतना रहा प्रदेश में तापमान…


10 साल में बारिश का ट्रेंड, पहले भोपाल के बारे में जानिए भोपाल में जुलाई में खूब बारिश होती है। यहां एक ही महीने में 1031.4 मिमी यानी 41 इंच के करीब बारिश होने का रिकॉर्ड है। यह साल 1986 में हुई थी। 22 जुलाई 1973 को एक ही दिन में 11 इंच बारिश हुई थी, जो अब तक का रिकॉर्ड है। साल 2024 में पूरे जुलाई महीने में 15.70 इंच बारिश हुई थी।
भोपाल में जुलाई महीने में एवरेज 15 दिन बारिश होती है यानी हर दूसरे दिन पानी बरसता है। महीने की एवरेज बारिश 367.7 मिमी यानी 14.4 इंच है। बारिश के चलते दिन का तापमान 30 और रात में पारा 25 डिग्री सेल्सियस से कम रहता है।

इंदौर में इस बार 40% ज्यादा बारिश इंदौर की बात करें तो 24 घंटे में 11.5 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 27 जुलाई 1913 को हुई थी। वर्ष 1973 में पूरे महीने 30.5 इंच पानी गिरा था। बारिश के चलते यहां भी तापमान में गिरावट देखने को मिलती है। इंदौर में महीने की एवरेज बारिश 12 इंच है। एवरेज 13 दिन यहां बारिश होती है। पिछले साल इंदौर में पूरे महीने 8.77 इंच बारिश हुई थी।

जबलपुर में जुलाई में गिर चुका 45 इंच पानी चारों बड़े शहरों में जबलपुर ऐसा है, जहां सबसे ज्यादा बारिश होती है। वर्ष 1930 में यहां करीब 45 इंच पानी बरसा था जबकि 30 जुलाई 1915 को 24 घंटे की सर्वाधिक 13.5 इंच बारिश हुई थी। 2013 और 2016 में सबसे ज्यादा बारिश दर्ज की गई थी।
जबलपुर में जुलाई की सामान्य बारिश 17 इंच है। महीने में 15 से 16 दिन पानी बरसता है।

ग्वालियर में कम बारिश का ट्रेंड भोपाल, इंदौर और जबलपुर की तुलना में ग्वालियर में जुलाई के महीने में सबसे कम बारिश होती है। पिछले 10 साल में 6 बार ऐसा हुआ, जब 8 इंच से कम पानी गिरा हो जबकि यहां की एवरेज बारिश 9 इंच के करीब है।
ग्वालियर में वर्ष 1935 में महीने की सबसे ज्यादा बारिश हुई थी। तब 623.3 मिमी यानी 24.5 इंच बारिश दर्ज की गई थी। इस बार बारिश के अच्छे संकेत हैं। मानसून की दस्तक के साथ यहां तेज बारिश का दौर जारी है। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश की बात करें तो 12 जुलाई 2015 को 190.6 मिमी यानी साढ़े 7 इंच पानी बरसा था। ग्वालियर में जुलाई के महीने में एवरेज 11 दिन बारिश होती है।

उज्जैन में 36 इंच बारिश का रिकॉर्ड उज्जैन में पूरे जुलाई महीने में 36 इंच बारिश का ओवरऑल रिकॉर्ड है। इतनी बारिश साल 2015 में हुई थी। 2023 में 21 इंच से ज्यादा पानी गिर गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश 19 जुलाई 2015 को 12.55 इंच हुई थी। उज्जैन में जुलाई की औसत बारिश 13 इंच है। महीने में 12 दिन पानी बरसता है।
