डमरू की धुन, चांदी की पालकी और आस्था की भीड़: महाकाल की सवारी ने मन मोहा

डमरू की धुन, चांदी की पालकी और आस्था की भीड़: महाकाल की सवारी ने मन मोहा


उज्जैन. विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में हर दिन लाखों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं. भगवान की एक झलक पाने के लिए भक्त आतुर रहते हैं. सावन माह में राजाधिराज बाबा महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने मंदिर परिसर से निकलते हैं. मान्यता है कि वर्षा काल में सृष्टि का संचालन करने वाले सभी देवता शयनकाल में चले जाते हैं, तब महाकाल सृष्टि का संचालन करते हैं. ऐसे में सावन मास में महाकाल प्रजा का हाल जानने निकलते हैं. आज सावन माह में भगवान महाकाल की दूसरी सवारी निकाली गई.

भगवान महकाल की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना करने के बाद अपने निर्धारित समय पर शुरू होकर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची. यहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी गई. इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंची. यहां पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.

CM मोहन यादव भी हुए शामिल
मध्यप्रदेश के मुख्य्मंत्री डॉ. मोहन यादव भी महाकाल की दूसरी सवारी मे शामिल हुए. सबसे पहले उन्होंने सभामंडप मे भगवान महाकाल की आरती की. उसके बाद मुख्य्मंत्री यादव सवारी मे शामिल हुए. और उन्होंने महाकाल की भक्ति मे लीन होकर भगवान का पिर्य डमरू भी बजाया.

कई कलाकारों नें दी प्रस्तुति
बाबा महाकाल की दूसरी सवारी मे 7 राज्यों के लोक नृत्य कलाकारों की प्रस्तुतियां दी गईं. जिसमे उड़ीसा का जोड़ी शंख, छत्तीसगढ़ का पंथी लोक नृत्य, महाराष्ट्र के नासिक का सोंगी मुखोटा, गुजरात के राठवा आदिवासी जनजातीय होली नृत्य, मध्यप्रदेश के छतरपुर का बरेदी लोक नृत्य, हरियाणा का हरियाणवी घूमर, मध्यप्रदेश के धार का भील जनजातीय नृत्य, राजस्थान का गैर घुमरा जनजातीय नृत्य शामिल हुआ.

क्यों निकलती है महाकाल की सवारी?
महाकाल मंदिर के पंडित यश पुजारी ने लोकल 18 को बताया कि भगवान महाकाल उज्जैन के राजा हैं. आज भगवान महाकाल चंद्रमोलेश्वर रूप में चांदी की पालकी पर सवार होकर भक्तों को दर्शन देने निकले है. आज सावन माह का दूसरा सोमवार है. भगवान महाकाल अपनी प्रजा का हाल जानने सावन माह में निकलते हैं. बाबा की एक झलक पाने के लिए श्रद्धालु आतुर रहते हैं. बाबा के दर्शन से भय और रोगों का नाश होता है. यह अद्भुत मिलन भक्त और भगवान के बीच होता है. यह नजारा देखने लोग देश-विदेश से मंदिर आते हैं.



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